संघ की लाइन में बढ़े मंत्री उदय प्रताप के कदम, बोले- स्कूलों में पढ़ाएं गौ माता का महत्व

स्वतंत्र समय, भोपाल

नई सरकार के नए निजाम की मंशा और संघ की लाइन को स्कूलों की शिक्षा में जोडऩे के नवाचार पर बुधवार को स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने पहल की है। स्कूलों में बच्चों को गौ माता, भारतीय संस्कृति, संयुक्त परिवार का महत्व एवं हमारी प्राचीन परंपरा के बारे में नियमित पढ़ाने और इसको पाठ्यक्रम में जोडऩे की बात मंत्री सिंह ने बुधवार को मंत्रालय में पाठ्य पुस्तक स्थाई समिति में कही। सिंह ने इतना ही नहीं स्कूलों और गांवों से पढक़र निकले सफल और नामचीन व्यक्तियों से परिचय भी कराएं और जब वे कभी आएं तो छात्र-छात्राओं से मिलवाएं ताकि पढऩे वाले विद्यार्थी जान सकें कि उन्होंने अपने जीवन में सफलता कैसे प्राप्त की। मंत्री ने सदस्यों से कहा कि सडक़ों की दुर्घटनाओं रोकने बच्चों को यातायात नियम बताने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवार व्यवस्था भारत की पहचान है। इसका महत्व बच्चों में बताएंगे तो पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे।
मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अगले शिक्षण सत्र में बच्चों की पाठ्य पुस्तकें समय पर उपलब्ध हों। यह व्यवस्था अभी से सुनिश्चित की जाएं। इस मौके पर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी भी मौजूद थीं। बैठक में समिति अध्यक्ष डॉ. प्रकाश सी बरतूनिया ने समिति की गतिविधियों और पाठ्य पुस्तकों के स्लेबस तैयार करने की प्रक्रिया बताई। सदस्य डॉ. भागीरथ कुमरावत, डॉ. रघुवीर गोस्वामी, जीवन प्रकाश आर्य, डॉ. अनूप जैन, डॉ. विनय चौहान, सुषमा यदुवंशी, डॉ. मनमोहन प्रकाश श्रीवास्तव और समिति के सदस्य सचिव संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस भी मौजूद थे।

महापुरुषों की जयंती पर उनकी जानकारी दें

स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि महापुरूषों की जयंती और त्यौहारों पर बच्चों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दी जाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के जनजातीय महापुरूषों पर केन्द्रित पुस्तकों के प्रकाशन पर जोर दिया।

गाय के महत्व के बारे में बताएं

मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय का विशेष महत्व है। इसके बारे में बच्चों को प्रारंभिक अवस्था से बताएंगे तो उनमें गाय के प्रति सम्मान बढ़ेगा और वे अच्छी तरह से गाय की देखभाल कर सकेंगे। मंत्री श्री सिंह ने एक भारत श्रेष्ठ भारत थीम पर स्कूलों में गतिविधियां बढ़ाने के निर्देश दिये।

बाल सभा में बताएं सक्सेस स्टोरी

शिक्षा मंत्री सिंह ने कक्षा 8 तक प्रति शनिवार होने वाली बाल सभा लगाएं और उसी मौके पर नशे की आदत के दुष्प्रभाव एवं सामाजिक बुराई के बारे में जानकारी दें ताकि वही बच्चे अपने परिजनों को नशे से दूर रहने की रोकें। बैठक में तय किया कि स्कूलों में मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों की सेवाएं कुछ राशि तय करके ली जाएं। इससे बच्चों में निराशा के भाव दूर किया जा सकेगा।