Indore News : ‘स्टूडेंट्स फॉर वन नेशन, वन इलेक्शन’ फोरम के तत्वावधान में सोमवार को इंदौर के लता मंगेशकर सभागार में प्रदेश स्तरीय छात्र सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य “वन नेशन, वन इलेक्शन” विषय पर युवाओं और छात्रों के बीच विमर्श करना था। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए।
सम्मेलन में मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, मुख्य वक्ता और संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल, भाजपा के प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह, प्रदेश महामंत्री हितानंद शर्मा, प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय मुख्य वक्ता रहे। साथ ही भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री रोहित चहल, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा सहित कई विधायक और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
210 से अधिक कार्यक्रम
वहीं प्रदेश समिति के सह-संयोजक पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि – अब तक मध्यप्रदेश में “वन नेशन, वन इलेक्शन” पर 64 सेमिनार, 69 संगोष्ठी, 12 पत्रकार वार्ता, 8 व्यापारी संगोष्ठी, 29 में से 23 लोकसभा क्षेत्रों में विमर्श और 53 विधायकों के माध्यम से कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। कुल मिलाकर प्रदेश में 210 कार्यक्रम संपन्न हो चुके हैं।
राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने कहा कि – “बार-बार होने वाले चुनाव देश को आर्थिक और प्रशासनिक रूप से कमजोर करते हैं। 1995 से 2025 तक कोई वर्ष ऐसा नहीं रहा जब चुनाव न हुए हों। सिर्फ चुनावी प्रक्रिया पर ही 7 लाख करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। बार-बार चुनाव होने से नीति निर्माण बाधित होता है, जबकि एक साथ चुनाव से समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।”
उन्होंने युवाओं को इसे एक बड़े सोशल रिफॉर्म के रूप में देखने की अपील की। देश के लिए बड़ा मुद्दा है जितना देश में ज्यादा चुनाव होगा उतनी राजनीति होगी जितनी राजनीति होगी उतना विकास कार्य कम होगा, इस देश में विकास ज्यादा हो उसके लिए एक देश एक चुनाव जरूरी है बार-बार चुनाव होने से पॉलिसी पैरालिसिस की स्थित हो गया है।
इसका सबसे ज्यादा फायदा युवाओ को होगा परिवार वाद की राजनीति को रोकना है तो एक देश एक चुनाव हो विकल्प है। यदि यह लागू होता है तोड़ देश में बड़ा सोशल रिफॉर्म आएगा, आर्थिक स्थिति में भी बदलाव आएगा ।
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि – “सरदार पटेल एक देश एक संविधान की बात करते थे। आजादी के बाद एक साथ चुनाव हुए, लेकिन बाद में सरकारें भंग होने से यह परंपरा टूट गई। आज देश को विकास के लिए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की सख्त जरूरत है।”
भाजपा प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह ने कहा कि – “22 राज्यों और 17 करोड़ मतदाताओं के साथ पहला चुनाव हुआ था। कांग्रेस ने बाद में 88 बार राष्ट्रपति शासन लगाया और इससे भारत की दुर्दशा शुरू हुई। आज देश में एक पावर ग्रिड, एक इंश्योरेंस स्कीम, एक राशन कार्ड, एक पेंशन योजना लागू है। अब एक देश, एक चुनाव की ओर बढ़ना जरूरी है।”
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि – “आजादी के बाद देश में एक साथ चुनाव की परंपरा थी, लेकिन इमरजेंसी के बाद यह टूट गई। विपक्ष को डर है कि लोकसभा की लहर विधानसभा चुनावों को प्रभावित कर सकती है। लेकिन देश का मतदाता बहुत समझदार है। दुनिया के कई देश ने एक देश एक चुनाव की दिशा में यह काम शुरू कर दिया है। दुनिया के हर देश को पैसे बचाने की जरूरत है, समाज के लिए समय ओर धन बचाना जरूरी है ।