मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में एक जन्मदिन पार्टी ने सियासी हलकों में भूचाल ला दिया है। मामला है राज्य के मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री नारायण सिंह के जन्मदिन का, जो ब्यावरा स्थित कार्यालय में धूमधाम से मनाया गया। लेकिन इस निजी जश्न ने विवादों की बुनियाद रख दी। जिसकी वजह बनीं खुद जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी।
पार्टी में जैसे ही केक काटा गया, मंत्री जी ने सबसे पहले कलेक्टर साहब को अपने हाथों से केक खिलाया। फिर बारी आई एसपी की ,उन्हें भी केक का स्वाद चखाया गया। जवाब में दोनों अधिकारियों ने भी मंत्री को केक खिलाकर बधाइयों की मिठास में हिस्सेदारी की। ये पूरा नज़ारा कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया।
विपक्ष ने उठाए सवाल
अब विपक्षी दल और सामाजिक संगठन प्रशासन पर सवालों की बौछार कर रहे हैं। उनका कहना है कि कलेक्टर और एसपी का किसी राजनेता के निजी कार्यक्रम में मंच साझा करना, वो भी इस तरह व्यक्तिगत रूप से, प्रशासनिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब जिले के सबसे वरिष्ठ अफसर सत्तारूढ़ दल के नेताओं के निजी आयोजनों में इस तरह शामिल होंगे, तो जनता के साथ निष्पक्ष व्यवहार कैसे करेगे?
जनता के टैक्स से मिलता है वेतन
आम जनता ने वायरल वीडियो को देखने के बाद अपनी दिखी प्रतिक्रिया दिखाई है। लोगो का कहना है कि जिन अफसरों को जनता के टैक्स से तनख्वाह मिलती है, उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे किसी राजनीतिक दल से दूरी बनाए रखें और संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं। इस तरह की सार्वजनिक भागीदारी प्रशासन की निष्पक्षता और छवि दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है। इस कार्यक्रम में भाजपा के कई नेता, जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता भी मौजूद थे, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चाओं में रही प्रशासनिक मौजूदगी रही। जिसने इस आयोजन को एक सामान्य बर्थडे पार्टी से उठाकर राजनीतिक बहस का केंद्र बना दिया।
अपनी मर्यादा को भूल अधिकारी
मंत्री के बर्थ डे कलेक्टर और एसपी ने जिस तरह से शामिल होकर मंत्री के साथ अपनी नजदीकियां बताई है। उसने कलेक्टर-एसपी के पद पद पर गंभीर सवाल उठा दिए है। इस तरह मंत्री समर्थक होने का खमियाजा अब ये अधिकारी किस तरह से भुगतेंगे यह तो आगामी समय में ही सामने आएंगा।