मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही के आठवें दिन कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों के बीच फिर से तीखी बहस देखने को मिली। इस बार कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने अपने बेटे पर दर्ज केस का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उनका चुनाव लड़ना अब अपराध हो गया है, क्योंकि उनके बेटे विभूति नारायण मिश्रा के खिलाफ थाना चोरहटा में एक मामला दर्ज किया गया है।
इस सवाल का जवाब देते हुए राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी और टीआई को भी सस्पेंड करने की बात कही। मंत्री ने कहा, “परिवार से जुड़ा मामला है, ऐसे में केस के निपटारे के लिए विशेष रास्ते हो सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि जांच के लिए भोपाल से उच्चस्तरीय टीम भेजी जाएगी और संबंधित अधिकारी से जांच करवाई जाएगी ताकि किसी भी तरह का अन्याय न हो।
कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने मंत्री के भावुक होने पर तंज कसते हुए कहा कि शायद उन्हें अपनी पुरानी यादें ताजा हो गई होंगी, क्योंकि दो महीने पहले उनके बेटे पर भी एक मामला दर्ज हुआ था, लेकिन मंत्री होते हुए भी वह उसे नहीं रुकवा पाए थे।
यह घटनाक्रम विधानसभा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक और तकरार का कारण बना। मंत्री के बेटे पर भोपाल में मामला दर्ज होने के बाद यह मामला और भी गरमा गया।
हालांकि इस बार मध्य प्रदेश में गृह विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास है, लेकिन विधानसभा में गृह विभाग से संबंधित सवालों के जवाब देने के लिए राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को नियुक्त किया गया है। इस मुद्दे ने प्रदेश की राजनीति में नए विवाद को जन्म दिया है।