मंत्रालय और फील्ड में जमे Shivraj Singh Chauhan के चहेते अफसर बदले जाएंगे

स्वतंत्र समय, भोपाल

सीएम मोहन यादव अभी तक शिवराज ( Shivraj Singh Chauhan ) के चहेते अफसरों से काम चला रहे थे, ये अभी भी मंत्रालय से लेकर फील्ड में जमे हुए हैं। अब ऐसे अफसरों के पर कतरे जाएंगे।चार जून को लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद आचार संहिता समाप्त हो जाएगी। जुलाई में विधानसभा का मानसून सत्र होगा, जिसमें मोहन यादव सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। इसके पहले बड़ी प्रशासनिक सर्जरी किए जाने की संभावना बन रही है।

Shivraj Singh Chauhan के अफसरों के काम की हो रही समीक्षा

प्रदेश में चार चरणों में हुए लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव विभिन्न विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। इसे चर्चा का नाम दिया गया है। इसमें मैदानी स्तर पर कसावट लाने की आवश्यकता महसूस की गई। इसके आधार पर शिवराज ( Shivraj Singh Chauhan ) के समय में रहे मंत्रालय से लेकर फील्ड तक अधिकारी बदले जा सकते हैं। इसमें कलेक्टर, कमिश्नर और पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने कुछ जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और कमिश्नरों के तबादले किए थे। चुनाव के दौरान मिले फीडबैक के आधार पर कुछ अफसरों के तबादले होना लाजिमी है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के कामकाज का आकलन करने के निर्देश दिए हैं।

कई योजनाओं का हो रहा रिव्यू

मुख्य सचिव वीरा राणा द्वारा अलग-अलग योजनाओं को लेकर समीक्षा की जा रही है। पिछले दिनों खाद्य नागरिक आपूर्ति, शिक्षा, कानून व्यवस्था से लेकर कई विभागों के कामकाज की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। इसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। नर्सिंग कालेजों में गड़बडिय़ों को लेकर भी कड़ी कार्रवाई के लिए कहा गया है। वहीं, कानून-व्यवस्था को लेकर भी पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना से स्पष्ट कह दिया गया है कि गड़बड़ी स्वीकार नहीं करेंगे। पूरी टीम मैदान में दिखाई देनी चाहिए। विभागों के साथ-साथ मुख्यमंत्री प्रभारी अधिकारियों के कामकाज की भी जल्द समीक्षा करेंगे। पहली बार विभागों के बीच समन्वय बनाने और फील्ड में योजनाओं के क्रियान्वयन को गति देने के लिए एसीएस औए एडीजी स्तर के अफसरों को संभागों का प्रभार दिया है।

दो माह बाद सक्रिय हुए अफसर

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता 16 मार्च को लागू हुई थी। इसके बाद कोई नया काम नहीं हो सकता था। इसलिए जिस गति के साथ मोहन सरकार में काम प्रारंभ हुआ थे, उनमें उसमें शिथिलता आई थी। लेकिन अब मतदान हो चुका है और जुलाई में विधानसभा का मानसून सत्र होगा। इसके चलते मुख्यमंत्री ने बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है, जिससे अधिकारी भी सक्रिय हो गए हैं। प्रतिदिन बैठकें चल रही हैं और विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं की रिपोर्ट तैयार की जा रही हैं। बजट भाषण में भी इनका उल्लेख किया जाएगा।

शिवराज के समय से काम संभाल रहें कई अफसर

पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, स्कूल शिक्षा जैसे विभागों में अभी भी एसीएस शिवराज सरकार के समय से जमे हुए हैं, इन्हें मोहन यादव ने अभी तक नहीं बदला है। वहीं एसीएस मनु श्रीवास्तव को तकनीकी शिक्षा के साथ ऊर्जा और नवकरणीय ऊर्जा की जिम्मेदारी सौंप रखी है। ये तीन-तीन विभाग संभाल नहीं पा रहे हैं। एसीएस कृषि अशोक वर्णवाल भी कुछ खास नहीं कर पाए। जल संसाधन एवं एनवीडीए के प्रोजेक्ट भी गति नहीं पकड़ पाए हैं। निकुंज श्रीवास्तव को राजस्व और माइनिंग की जिम्मेदारी दे रखी है। ऐसे में कुछ एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिवों को बदला जाएगा।