इंदौर : लोकसभा का चुनाव कराने नियुक्त मतदान दलों के पीठासीन अधिकारियों को अपने-अपने मतदान केन्द्र में वास्तविक मतदान प्रारंभ करने के डेढ़ घंटे पहले मॉक पोल (दिखावटी मतदान) कराना होगा। निर्वाचन आयोग के मुताबिक मॉक पोल में कम से कम 50 मतों का होना चाहिए और इसे उम्मीदवारों के मतदान अभिकर्ताओं की मौजूदगी में कराना चाहिए।
पीठासीन अधिकारी को मॉक पोल के परिणामों से मतदान अभिकर्ताओं को अवगत कराना होगा । निर्वाचन आयोग के मुताबिक पीठासीन अधिकारी मतदान प्रारंभ होने के डेढ़ घंटे पूर्व मॉक पोल (दिखावटी मतदान) करायेंगे। मॉक पोल प्रारम्भ करते समय कम से कम दो अभ्यर्थियों के मतदान अभिकर्त्ता उपस्थित रहना चाहिये ।
यदि मॉक पोल के समय कोई भी मतदान अभिकर्त्ता उपस्थित न हो, ऐसी स्थिति में पीठासीन अधिकारी अधिक से अधिक 15 मिनट मॉक पोल शुरू करने के लिये प्रतीक्षा कर सकता है, और यदि तब भी कोई मतदान अभिकर्त्ता नहीं आते हैं तो पीठासीन अधिकारी मॉक पोल शुरू कर सकते हैं । मॉक पोल में यह सुनिश्चित करना होगा कि मतदान कोष्ठ में सभी अभ्यर्थियों के लिए मत डाले गये हैं ।
निर्वाचन आयोग के अनुसार मॉक पोल (दिखावटी मतदान) प्रारंभ करने के पहले ईव्हीएम की बैलेट यूनिट तथा वीपेट को मतदान प्रकोष्ठ में रखना होगा, जबकि ईव्हीएम की कंट्रोल यूनिट को पीठासीन अधिकारी अथवा उस मतदान अधिकारी के टेबल पर रखना होगा, जो बैलट यूनिट और व्हीव्हीपेट मशीन सही प्रकार से जोड़ने के बाद कंट्रोल यूनिट का इस्तेमाल करेगा ।
मॉक पोल में डाले गये मतों का अभिलेख पीठासीन अधिकारी अथवा मतदान अधिकारी को रखना होगा । मॉक पोल की व्हीव्हीपेट की पर्चियों को भी इनके पीछे के भाग में “मॉक पोल पर्ची“ की रबर सील लगानी होगी और इन पर्चियों को मोटे काले कागज के लिफाफे में रखकर पीठासीन अधिकारी की सील से मुहरबन्द कर और हस्ताक्षर कर सुरक्षित रखना होगा ।