पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और कड़ा कदम उठाया है। मोदी सरकार ने पड़ोसी देश को बड़ा झटका देते हुए पाकिस्तान की सभी उड़ानों के लिए भारतीय एयरस्पेस बंद करने का निर्णय लिया है। भारत ने इस संबंध में NOTAM (नोटिस टू एयरमैन) जारी करते हुए बुधवार देर रात से पाकिस्तानी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद कर दिया है। यह प्रतिबंध 23 मई तक लागू रहेगा, जिसके चलते पाकिस्तान की एविएशन इंडस्ट्री पर प्रत्यक्ष और गंभीर प्रभाव पड़ेगा। इस फैसले को भारत की सख्त कूटनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अब केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए एक और बड़ा फैसला लिया है। भारत ने पाकिस्तानी विमानों के लिए 30 अप्रैल से 23 मई 2025 तक अपने एयरस्पेस को पूरी तरह बंद कर दिया है। इसका मतलब है कि अब कोई भी पाकिस्तानी विमान भारत के हवाई क्षेत्र से होकर नहीं गुजर सकेगा। यह अहम फैसला प्रधानमंत्री आवास पर हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिया गया, जिसे पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
भारत सरकार ने बुधवार रात एक सख्त कदम उठाते हुए “नोटिस टू एयरमैन” (NOTAM) जारी कर यह ऐलान किया कि पाकिस्तान में रजिस्टर्ड, संचालित या स्वामित्व वाले किसी भी विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस फैसले के तहत अब किसी भी पाकिस्तानी विमान को भारत के एयरस्पेस में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होगी। यह प्रतिबंध 30 अप्रैल से प्रभावी होकर 23 मई 2025 तक लागू रहेगा। यह बड़ा और निर्णायक कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की एक घंटे लंबी उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिया गया। यह निर्णय पाकिस्तान पर दबाव बनाने की भारत की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
भारत के इस सख्त कदम से पाकिस्तान को गंभीर आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। भारतीय एयरस्पेस बंद होने के कारण पाकिस्तान की एविएशन इंडस्ट्री और समग्र अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। अब पाकिस्तान की एयरलाइंस को भारत के हवाई मार्ग को बायपास करने के लिए लंबा और घुमावदार रास्ता अपनाना पड़ेगा। खासकर थाईलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों तक पहुंचने के लिए विमानों को अधिक दूरी तय करनी होगी। इससे उड़ान का समय बढ़ेगा, ईंधन की खपत ज्यादा होगी और परिचालन लागत में भारी इजाफा होगा। इसका नतीजा यह होगा कि हवाई सफर न केवल महंगा बल्कि यात्रियों के लिए असुविधाजनक भी हो जाएगा, जिससे पाकिस्तान की एयरलाइंस की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता प्रभावित होगी।
आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के साथ ही अटारी-वाघा बॉर्डर को भी बंद कर दिया है, ताकि पाकिस्तान पर दबाव बनाया जा सके। वहीं, 23 अप्रैल को पाकिस्तान ने भारत की उड़ानों को अपने एयरस्पेस से गुजरने पर रोक लगा दी थी और इस्लामाबाद व लाहौर के ऊपर नो-फ्लाई जोन घोषित कर दिया था। इस कदम का भारत ने भी जवाब दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इसके साथ ही, दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं और नियंत्रण रेखा पर स्थिति बेहद संवेदनशील बनी हुई है, जो किसी भी समय तनावपूर्ण हो सकती है।