स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में 7वीं बार परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में बच्चों से बात की। मोदी ने कहा कि मैंने अभी बच्चों की एग्जीबिशन देखी। वो इतनी अच्छी थी कि मुझे 5-6 घंटे लग जाते। बच्चों से पीएम ने ये भी कहा कि आप लोग जिस जगह (भारत मंडपम, प्रगति मैदान) बैठे हुए हैं, वहां दुनिया के दिग्गज नेता चर्चा कर चुके हैं। इस इवेंट में मोदी के साथ करीब 3000 स्टूडेंट्स शामिल हुए हैं। देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 2 स्टूडेंट्स और एक टीचर इस इवेंट में ऑनलाइन जुड़े हैं। इसके अलावा देश के 100 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूलों के बच्चे भी इवेंट में शामिल हुए हैं।
पीएम ने कहा कि मां-बाप हर बार अपने बच्चों को कोसते रहते हैं कि देखो तुम खेलते हो, वो पढ़ता है। कृपा करके मां-बाप इससे बचे। जो माता-पिता जीवन में ज्यादा सफल नहीं हुए, जिनके पास दुनिया को ज्यादा बताने को नहीं है, वे बच्चे के रिपोर्टिंग कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड बना लेते हैं। स्टूडेंट को कभी लगता ही नहीं कि शिक्षक का उसकी जिंदगी में विशेष स्थान है। जिस दिन टीचर सिलेबस से निकलकर स्टूडेंट्स से रिलेशन डेवलप करेंगे, तो बच्चे उनसे हर प्रेशर का डिस्कस करेंगे। पीएम मोदी ने संगीत शिक्षकों से कहा कि वह संगीत के जरिए क्लास का माहौल खुशहाल कर सकते हैं। किसी भी टीचर के मन में जब यह विचार आता है, कि जब मैं स्टूड़ेंट्स के मन में परीक्षा का तनाव कैसे दूर करूं। टीचर को स्टूडेंट्स से रिलेशन ठीक करना चाहिए। इससे परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत ही नहीं आएगी।
बच्चों को दी सीख-ईर्ष्या न करें
मोदी ने कहा- 100 नंबर का पेपर है। अगर आपका दोस्त 90 नंबर ले गया तो आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी, अपने आप से करनी है कि आपको कितने नंबर लाने हैं। अपने अंदर ईष्र्या का भाव न आने दें। दोस्ती निस्वार्थ प्यार होती है, तभी ये जिंदगीभर होती है।
घर में स्पर्धा का भाव न बोएं
मोदी ने कहा- घर में माता-पिता कभी एक बच्चे के लिए अच्छा बोलते हैं तो कभी दूसरे के लिए। परिवार में स्पर्धा के भाव जाने-अनजाने बो दिया जाता है। मैं माता-पिता से कहना चाहता हूं कि ऐसा न करें। ये आगे जाकर जहरीला बीज बन जाता है।
खुद से प्रतिभावान दोस्त ढूंढने चाहिए
दोस्तों से कॉम्पटीशन पर पीएम मोदी ने बताया कि आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है, बल्कि खुद से करनी है। उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है, उसे इंस्पिरेशन बनाइए। हमसे प्रतिभावान दोस्त बनाना चाहिए। इसलिए कभी भी हमने इस प्रकार का ईष्र्या भाव अपने मन में नहीं आने देना चाहिए।
माता पिता आपस में बच्चों में तुलना न करें
पीएम मोदी ने बताया कि कॉम्पटीशन का जहर पारिवारिक वातावरण में ही बो दिया जाता है। इसलिए सभी पैंरेट्स से आग्रह है कि बच्चों के बीच कम्पेरिजन मत कीजिए। बच्चों के अंदर द्वेष का भाव पैदा हो जाता है। पीएम ने कहा, कभी पिता बच्चों को बोलते रहते हैं, पिता चुप हो जाते हैं तो मां बोलने लगती हैं। फिर बड़ा भाई बोलने लगता है। कई बच्चे इसे सकारात्मक लेते हैं। लेकिन माता-पिता को ज्यादा समझाने से बचना चाहिए। इससे भी दबाव पड़ता है। पीएम बोले दबाव तो आता रहता है। इसे झेलने के लिए खुद को तैयार करना जरूरी है। पीएम मोदी ने बताया कि एक दबाव होता है जो खुद ने ही अपने लिए तैयार किया जाता है। यह दबाव आप खुद ही अनुभव करते हैं। हमें खुद को इतना स्ट्रैच नहीं करना चाहिए कि खुद की स्टेबिलिटी टूट जाए।