Mohammed Shami : भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की अलग हो चुकी पत्नी हसीन जहां ने कलकत्ता हाई कोर्ट के हालिया फैसले का स्वागत किया है, जिसमें शमी को उन्हें और उनकी बेटी के लिए हर महीने 4 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया है। हसीन ने कहा कि कोर्ट ने केवल शमी को उनकी जिम्मेदारियों को पूरा करने का आदेश दिया है।
एएनआई न्यूज एजेंसी के हवाले से हसीन ने कहा, “शादी से पहले मैं मॉडलिंग और अभिनय करती थी। शमी ने मुझे मॉडलिंग छोड़ने के लिए मजबूर किया और चाहा कि मैं सिर्फ एक गृहिणी की जिंदगी जिऊं। मैं शमी से बहुत प्यार करती थी, इसलिए मैंने खुशी-खुशी उनकी बात मान ली।”
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन अब मेरी कोई निजी आय नहीं है। शमी को मेरे और हमारी बेटी के भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। जब उन्होंने इसे नकारा, तो हमें कोर्ट का रुख करना पड़ा।”
हाई कोर्ट ने शमी को हसीन के निजी खर्चों के लिए 1.5 लाख रुपये और उनकी बेटी की देखभाल के लिए 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह देने का आदेश दिया। यह फैसला 2018 के निचली अदालत के उस आदेश को पलटता है, जिसमें काफी कम राशि तय की गई थी।
हसीन की कानूनी टीम ने अपील में तर्क दिया कि शमी की आर्थिक स्थिति अधिक गुजारा भत्ता देने में सक्षम है। उनके 2021 के आयकर रिटर्न के अनुसार, शमी की सालाना आय करीब 7.19 करोड़ रुपये थी, यानी लगभग 60 लाख रुपये प्रतिमाह। हसीन ने दावा किया कि उनकी और उनकी बेटी की मासिक खर्च की जरूरतें 6 लाख रुपये से अधिक हैं।”शमी मुझे बर्बाद नहीं कर सकते”हसीन ने कहा, “शुक्र है कि हमारे देश में कानून है, जो लोगों को उनकी जिम्मेदारियों को निभाने का आदेश देता है।
जब आप किसी के साथ रिश्ते में आते हैं, तो उनके चेहरे पर नहीं लिखा होता कि उनका चरित्र खराब है या वे आपके और आपकी बेटी के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेंगे। मैं भी ऐसी ही एक पीड़ित बन गई।”हसीन और शमी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है, और यह कोर्ट का फैसला उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मामले ने न केवल क्रिकेट जगत बल्कि सामाजिक स्तर पर भी चर्चा को जन्म दिया है, क्योंकि यह वैवाहिक जिम्मेदारियों और महिलाओं के आर्थिक अधिकारों से जुड़े मुद्दों को सामने लाता है।