मध्यप्रदेश सरकार ने लंबे समय से लंबित सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति (प्रमोशन) का रास्ता आखिरकार साफ कर दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। प्रमोशन के बाद जो पद रिक्त होंगे, उन्हें नई भर्तियों के माध्यम से भरा जाएगा।
भर्ती का भी रास्ता खुलेगा
राज्य के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि प्रमोशन से जहां कर्मचारियों को उच्च पद मिलेंगे, वहीं इससे खाली होने वाले पदों पर नई भर्तियां भी की जाएंगी। इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और प्रशासनिक व्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार होगा।
आरक्षित वर्गों के लिए आरक्षण सुनिश्चित
कैबिनेट के फैसले में अनुसूचित जाति (SC) के लिए 16% और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 20% आरक्षण का स्पष्ट प्रावधान रखा गया है। साथ ही, आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को भी योग्यता के आधार पर पदोन्नति पाने का समान अवसर मिलेगा।
मेरिट और सीनियरिटी का संतुलन
प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के लिए पदोन्नति में मेरिट और वरिष्ठता (सीनियरिटी) दोनों का संतुलन रखा गया है। जिन अधिकारियों ने न्यूनतम योग्यता अंक प्राप्त किए हैं, वे प्रमोशन के पात्र माने जाएंगे।
अग्रिम डीपीसी की व्यवस्था
अब सरकार ने अग्रिम विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की व्यवस्था भी लागू कर दी है, जिससे अगले वर्ष की रिक्तियों के लिए इस वर्ष ही चयन सूची तैयार की जा सकेगी। इससे समय पर पदोन्नति संभव हो सकेगी।
आंशिक सेवा को मिलेगा पूरा लाभ
अगर किसी कर्मचारी ने किसी वर्ष में आंशिक अवधि (जैसे 6 महीने) की सेवा की है, तो उसे भी पूरे वर्ष की सेवा माना जाएगा। इसी तरह, अगर गोपनीय प्रतिवेदन (CR) केवल आधे वर्ष के लिए उपलब्ध है, तो भी उसे पूर्ण वर्ष के लिए वैध माना जाएगा।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को राहत
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए अंक आधारित मूल्यांकन नहीं होगा। उनके लिए केवल यह देखा जाएगा कि वे प्रमोशन के लिए उपयुक्त हैं या नहीं। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए राहत का कारण बनेगा जिनकी सीआर पूरी नहीं होती।
वरिष्ठता पर कोई नुकसान नहीं
अगर किसी कर्मचारी की गोपनीय रिपोर्ट समय पर उपलब्ध नहीं होती और उसकी पदोन्नति रुक जाती है, तो उसे बाद में प्रमोशन मिलने पर उसकी पूरी वरिष्ठता दी जाएगी। इससे कर्मचारी के कैरियर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति की सुविधा
चयन और प्रतीक्षा सूची के माध्यम से अप्रत्याशित रिक्तियों को भरने की स्पष्ट व्यवस्था बनाई गई है। अब केवल कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) के आधार पर कर्मचारी को प्रमोशन सूची से बाहर नहीं किया जाएगा।
प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारियों को भी मिलेगा अधिकार
जो कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए हैं और अगले वर्ष उपलब्ध नहीं होंगे, उनके पदों पर भी पदोन्नति का प्रावधान किया गया है। जैसे ही पद रिक्त होते हैं, उसी दिन उपयुक्त कर्मचारी को पदोन्नति दी जाएगी।