Adani News: गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप के लिए लगातार बुरी खबरें सामने आ रही हैं। अब रेटिंग एजेंसी मूडीज और फिच ने ग्रुप की कई कंपनियों को नकारात्मक रेटिंग में डाल दिया है। मूडीज ने अडानी की सात कंपनियों की साख को “स्थिर” से घटाकर “नेगेटिव” कर दिया है, जबकि फिच ने दो कंपनियों को निगरानी सूची में डाला है।
मूडीज का निर्णय और कारण
मूडीज ने अडानी ग्रुप की इन सात कंपनियों की रेटिंग प्रभावित की है:
- अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड
- अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (दो सीमित प्रतिबंधित समूह)
- अडानी ट्रांसमिशन स्टेप-वन लिमिटेड
- अडानी ट्रांसपोर्टेशन प्रतिबंधित समूह 1 (एईएसएल आरजी1)
- अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड
- अडानी इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड
मूडीज का कहना है कि अमेरिका में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के चेयरमैन गौतम अडानी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर रिश्वत के आरोप लगने से ग्रुप की वित्तीय स्थिति कमजोर हो सकती है। यह आरोप ग्रुप की कैपिटल कॉस्ट बढ़ा सकते हैं और उसकी वित्तीय पहुंच पर असर डाल सकते हैं।
फिच की निगरानी सूची में कंपनियां
फिच ने अडानी ग्रुप की दो कंपनियों:
- अडानी एनर्जी
- अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड (एईएमएल)
को निगरानी सूची में रखा है।
फिच का कहना है कि यह निर्णय ग्रुप के कॉरपोरेट प्रशासन से जुड़े जोखिमों को दर्शाता है, जिससे नकदी प्रवाह और वित्तपोषण की पहुंच प्रभावित हो सकती है। हालांकि, फिच को उम्मीद है कि इन कंपनियों के पास अगले 12-18 महीनों के लिए पर्याप्त नकदी उपलब्ध रहेगी क्योंकि निकट भविष्य में कोई बड़ा ऋण परिपक्व नहीं हो रहा है।
क्या हो सकता है आगे?
मूडीज ने कहा है कि यदि कानूनी कार्यवाही बिना किसी नकारात्मक प्रभाव के समाप्त हो जाती है, तो रेटिंग को “स्थिर” किया जा सकता है। वहीं, फिच भी यूनिट्स की वित्तीय क्षमता पर नजर बनाए रखेगा।
प्रभाव और चुनौतियां
- कैपिटल कॉस्ट में वृद्धि: नकारात्मक रेटिंग से ग्रुप को उधारी के लिए अधिक ब्याज चुकाना पड़ सकता है।
- वित्तपोषण की कमी: निवेशकों का विश्वास कमजोर होने से नई परियोजनाओं में वित्तपोषण प्राप्त करना कठिन हो सकता है।
- प्रतिष्ठा पर असर: वैश्विक रेटिंग एजेंसियों के फैसले से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अडानी ग्रुप की साख पर असर पड़ेगा।