1 लाख से अधिक किसानो ने फसल नुकसान के मुआवजें हेतु कराया पंजीयन, अब चुटकियों में मिलेगा पैसा, आप भी करें जल्द आवेदन

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh )पिछले दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। एक तरफ जहां गर्मी का मौसम बना हुआ था, अब इसी बीच बारिश का दौर भी चालू हो गया है। दरअसल, पिछले कई दिनों से शुरू हुई बारिश रूकने का नाम ही नहीं ले रही है। प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। साथ ही कई कई जगह पर तो ओलावृष्टि का दौर भी जारी है। इसी के चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

प्रदेश के अधिकांश जिलों में कई दिनों से तेज हवाओं के साथ बेमौसम बारिश और ओले गिर रहे हैं। बटरी, चना, मसूर और गेहूं की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। तेज हवाएं चलने के कारण खेतों में पककर खड़ी हुई गेंहू की फसल आड़ी हो गई है। वहीं चने की फसल पानी लगने से बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। इसी बीच अब मौसम की मार से परेशान किसानों को फसल बीमा के फटाफट क्लेम सेटलमेंट के लिए केंद्र सरकार ने नई सुविधा शुरू की है।

फसल नुकसान का मुआवजा हेतु पंजीयन मार्च महीने में लगातार अलग-अलग जगहों पर बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों को हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार द्वारा सर्वे कराया जा रहा है। वहीं हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को स्वयं फसल खराब होने की सूचना देने की व्यवस्था की है, जिसके तहत अभी तक 1,02,627 किसानों ने 5.73 लाख एकड़ भूमि की क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे हेतु पंजीकरण करवाया है।

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फसल नुकसान का मुआवजा हेतु 1 लाख से अधिक किसानो ने कराया पंजीयन, मई महीने तक दिया जाएगा फसल नुकसान का मुआवजा, आप भी करे जल्द आवेदन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार हाल ही हुई बरसात व ओलावृष्टि के दौरान खराब हुई फसलों का मुआवजा सरकार द्वारा विशेष गिरदावरी करवाते हुए अगले माह तक दिया जाएगा। यह बात मुख्य मंत्री ने भिवानी ज़िला के गाँव तिगड़ाना व धनाना गाँव में किसानों से बात करते हुए कही।

फसल नुकसान का मुआवजा हेतु 1 लाख से अधिक किसानो ने कराया पंजीयन, मई महीने तक दिया जाएगा फसल नुकसान का मुआवजा, आप भी करे जल्द आवेदन वहीं राज्य के सहकरिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने बावल विधानसभा क्षेत्र के ढाणी, कोलाना, बलवाड़ी, मायण, इब्राईमपुर, कमालपुर, बगथला, कसौली, गढ़ी बोलनी जड्थल, नंदरामपुर वास और खेड़ी मोटला गाँवों में अत्यधिक वर्षा से बर्बाद हुई फसलों का मुआयना किया।