14 वर्षीय नाबालिग छात्रा से देह व्यापार कराने वाली मां, उसके भाई को जेल

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

14 वर्षीय नाबालिग छात्रा से देह व्यापार कराने वाली मां, उसके भाई को कोर्ट ने 25-25 साल की सजा और 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। रिश्तों को कलंकित करने वाली मां और भाई को पॉक्सो कोर्ट ने कठोर कारावास की सजा दी है। दोनों को 14 वर्षीय नाबालिग से लगभग चार साल तक देह व्यापार कराने के मामले में दोषी ठहराया गया है। एक अन्य दुष्कर्म करने वाले आरोपी समीर उर्फ इस्तेकार को भी कोर्ट ने 25 साल की कैद और 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। हालांकि, इस केस के मुख्य आरोपी संजू दुबे (54) को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। वहीं, नाबालिग के बड़े भाई व एक अन्य आरोपी शानू को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने पीडि़ता को जुर्माने की राशि (60 हजार) के साथ ढाई लाख रुपए बतौर मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए हैं।

 ये है देह व्यापार का पूरा मामला

एडीपीओ आशीष सिंह राठौर ने बताया महिला पुलिस थाना, पड़ाव में 7 सितंबर 2019 को नाबालिग ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि वह दतिया की निवासी है और माता-पिता व दो भाई के साथ रहती है। पिता एसएएफ से रिटायर हैं। मां व दोनों भाई उसे घर के पास रहने वाले अधेड़ 54 वर्षीय संजू दुबे के पास छोडक़र चले जाते थे। संजू उसके साथ दुष्कर्म करता था। जब वह परिजन से शिकायत करती थी तो परिजन उल्टा उसे ही डांट लगाते थे। ये क्रम 2015 से शुरू हुआ, जो साल 2019 तक चलता रहा। एक बार उसके दोनों भाई व मां ग्वालियर आए। यहां दौलतगंज स्थित सरस्वती भोजनालाय में उसे संजू दुबे के सुपुर्द किया और खुद मार्केट चले गए। यहां भी संजू ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीडि़ता की मां नाबालिग पर संजू से शादी कराने का दबाव बनाती थीं।

संजू कहता था तेरी मां को पांच लाख रुपए दे रहा हूं

जब नाबालिग विरोध करती थी तो उसे संजू ने बताया था कि वह उसकी मां को 5 लाख रुपए देने वाला है। 2019 में उसके परिजन अजमेर गए। दतिया के ही रहने वाले समीर और शानू भी वहां पहुंच गए। परिजन ने उसे होटल में समीर के साथ छोड़ दिया और घूमने के लिए रवाना हो गए। यहां समीर ने उसके साथ दुष्कर्म किया। समीर ने बताया कि उसने परिजन को 20 हजार रुपए दिए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मां, बड़े व छोटे भाई के साथ ही समीर, शानू और संजू दुबे के खिलाफ मामला दर्ज किया।

पीडि़ता ने हाईकोर्ट को बताई थी आपबीती

इस अपराध का खुलासा तब हुआ जब नाबालिग की मां ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। इसमें आरोप लगाया कि जालौन के रिश्तेदार नाबालिग बेटी को जबरन रखे हुए हैं। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने नाबालिग को कोर्ट में पेश किया। यहां नाबालिग ने बताया कि वह किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रिश्तेदार के घर आई थी। चूंकि, उसके परिजन उससे वैश्यावृत्ति करा रहे थे। इसी के चलते वह पुन: घर नहीं जाना चाहती।