नगर निगम और UNAccc के बीच MOU साइन, बीपीएल परिवार को मिल सकती है बड़ी राहत

बीपीएल परिवारों को सौगात देते हुए नगर निगम और UNAccc के बीच एक MOU साइन हुआ है। जिसमें बीपीएल परिवारों के लिए सस्टेनेबल हाउसिंग प्रोग्राम होगा। ऊर्जा-ईंधन खर्च में 30% तक की बचत होगी। इसके साथ ही यह लक्ष्य महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने बताया कि प्रारंभिक चरण में यह परियोजना 6 महीने के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू होगी। यदि यह सफल रही तो आगे इसका विस्तार किया जाएगा। इससे बीपीएल परिवार को राहत मिलेगी।

क्या है यूएनएफसीसीसी (UNFCCC)?
यूएनएफसीसीसी (UNFCCC) का मतलब है जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (United Nations Framework Convention on Climate Change)। यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य जलवायु प्रणाली में खतरनाक मानवीय हस्तक्षेप को रोकना है. इसे 1992 में अपनाया गया था और 1994 में यह लागू हुआ. 197 देशों ने इसका अनुसमर्थन किया है, जिससे यह लगभग सार्वभौमिक सदस्यता प्राप्त संधि बन गई है।

महापौर ने की आत्मिय मुलाकात
विकास के लक्ष्य को लेकर आयोजित होने वाली कॉन्फ्रेंस के लिए पधारे, डॉ. श्रीकांत के. पाणिग्राही जी (सह-अध्यक्ष UNAccc, महानिदेशक IISD, निदेशक CMI) महापौर  निवास पर पहुंचे जहां पर महापौर ने सह अध्यक्ष का आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर, पर्यावरण संरक्षण, हरित ऊर्जा, जल प्रबंधन सहित सतत विकास लक्ष्यों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की ।

पर्यावरण के अनुरूप हो जीवनशैली
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) मिशन, स्वच्छ भारत प्रमाणन और सतत आवास मिशन नेट जीरो के अनुरूप है। इस समझौते के तहत, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और निम्न-आय वाले परिवारों के लिए एक सतत आवास कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसका विशेष ध्यान एलपीजी, बिजली और पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम करने पर होगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य घरेलू ऊर्जा और ईंधन खर्च में 30% तक की बचत करना है।

हमारा लक्ष्य स्वच्छ ऊर्जा
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने घोषणा की कि इस परियोजना की शुरुआत में छह महीने के पायलट कार्यक्रम के रूप में शुरू किया जाएगा। सफल होने पर, इसे आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य स्वच्छ ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकी और सतत विकास प्रथाओं को एकीकृत करके नागरिकों को किफायती, आत्मनिर्भर और पर्यावरण-अनुकूल आवास प्रदान करना है।” आईएमसी और यूएनएसीसी के बीच सहयोग से बिजली, एलपीजी और वाहन ईंधन की लागत में कमी आने से घरों को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित विशेषज्ञ डॉ. श्रीकांत के. पाणिग्रही की उपस्थिति रही।