स्वतंत्र समय, भोपाल
मध्य प्रदेश ( MP ) में हर वर्ष जितनी बालिकाएं गायब हो रही हैं, उनमें से करीब 25 प्रतिशत को पुलिस खोज ही नहीं पाती। पिछले चार वर्षों में गुम हुईं 10 हजार से अधिक बालिकाओं को खोज पाने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम है। यह आंकड़े जनवरी 2021 से लेकर दिसंबर 2024 तक के हैं। इसमें मानव तस्करी का भी संदेह है।
MP पुलिस साढ़े छह हजार महीलाओं को ढूंढने में नाकाम
पुलिस आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश ( MP ) साल 2022 में 32 हजार 282 महिलाएं लापता हुई थीं और पुलिस इनमें से 25 हजार 833 को ही तलाश सकी, जबकि 6 हजार 449 महिलाएं अभी भी गायब हैं। इसी तरह वर्ष 2023 में 34 हजार 321 महिलाएं लापता हुई, इनमें से पुलिस 25 हजार 661 को तलाश सकी और 8 हजार 660 अभी तक नहीं मिलीं हैं। साल 2024 में 16 हजार 587 महिलाएं लापता हुई, इनमें से पुलिस 11 हजार 189 को तलाश सकी। 5 हजार 398 अभी भी गायब हैं। हम यदि बेटियां, बालिकाओं की बात करें, तो साल 2022 में 13 हजार बालिकाएं लापता हुई, जिनमें से पुलिस 10 हजार को तलाश सकी और 2 हजार 843 लड़कियां आज भी लापता है। साल 2023 में 14 हजार 194 लड़कियां गायब हुई और 10 हजार 430 मिली, जबकि 3 हजार 764 अभी भी नहीं मिल सकी हैं। साल 2024 में 15 हजार 671 बालिकाएं गायब हुई, इनमें से 11 हजार 670 ही पकड़ी गई और 4 हजार अभी तक नहीं मिल सकी। इस तरह बीते तीन साल से 10 हजार से अधिक बालिकाएं और 15 हजार से अधिक महिलाओं को तलाशने में पुलिस नाकामयाब रही है।
यह प्रदेश के माथे पर कलंक की तरह है। जबकि सरकार बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी कई योजनाएं चला रही है, लेकिन प्रदेश का पुलिस तंत्र गायब बेटियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं, सरकार 2021 से वर्ष में दो बार ऑपरेशन मुस्कान भी चलाती है।
जबरदस्ती ले जाई गईं बालिकाओं में से 659 को खोजा
ऑपरेशन मुस्कान के अंतर्गत जनवरी 2021 से फरवरी 2024 के बीच 12 हजार 567 बालिकाओं को खोजा गया, इनमें 659 को जबरदस्ती पकड़ कर ले जाया गया था। लैंगिक शोषण के लिए 630, बंधुआ मजदूरी के लिए 17 और नौकरी के लिए 12 बालिकाओं को अपराधी जबरदस्ती पकडक़र ले गए थे। 2,389 बालिकाओं ने बताया कि वे प्रेमी के साथ गई थीं। फिरौती के लिए दो बालिकाओं का अपहरण किया गया था।
गायब होने वाली बालिकाओं की संख्या लगातार बढ़ रही
गुम होने वाली बालिकाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2024 के अंत तक की स्थिति में पुराने और नए मामले मिलाकर 15 हजार 671 बालिकाएं गुम हुई। इनमें ऑपरेशन मुस्कान और अन्य माध्यमों से 11 हजार 670 बालिकाओं को पुलिस ने खोजा, पर अभी भी 10 हजार से अधिक का पता नहीं है। इसमें मानव तस्करी के लिए उनके अपहरण की आशंका है।