MP की Anganwadis के बर्तन की खरीदी छत्तीसगढ़ से, स्टील का एक गिलास 162 रुपए का

स्वतंत्र समय, भोपाल

मप्र के सिंगरौली जिले की आंगनबाड़ियों ( Anganwadis ) में बच्चों को पोषण आहार सहित भोजन खिलाने के लिए उपयोग में आने वाले वर्तनों की खरीदी जिला कार्यक्रम अधिकारी ने छत्तीसगढ़ से कर ली। यहां तक कि जो सामग्री खरीदी गई, उसके दाम भी भारी भरकम लगाए गए हैं। स्टील का ग्लास 162 रुपए में खरीदा गया और 20-22 रुपए में आने वाली चम्मच 38 रुपए की प्रति नग ली गई।

Anganwadis में बर्तन खरीदी की जांच के लिए बनाई कमेटी

आंगनबाड़ियों ( Anganwadis ) के लिए बर्तन खरीदी  मामला सामने आने के बाद रीवा कमिश्नर की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई है। विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल पर लिखित जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए वर्तन क्रय आदेश अनुसार सामग्री प्रदाय संबंधी कार्यवाही प्रचलन में होने से वर्तमान में राशि का भुगतान नहीं हुआ है। कमिश्नर रीवा संभाग की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई गई थी। जांच उपरांत जिला कार्यक्रम अधिकारी सिंगरौली को निलंबित किया गया है। इंदौर संभाग के किसी भी जिले में वर्तन क्रय संबंधी कार्यवाही नहीं की गई है। ग्रेवाल ने पूछा था कि क्या उपरोक्त वर्तन आईएसआई मार्क के न होकर निम्न गुणवत्ता के खुले बाजार से कई गुना अधिक दरों पर जेम से क्रय किए जाकर बड़े स्तर पर आर्थिक भ्रष्टाचार किया गया है? इस तरह क्या जेम पोर्टल से शासकीय खरीदी बंद की जाएगी। मंत्री ने खरीदे गए वर्तनों का डेटा उपलब कराते हुए अधिकारी को निलंबित करने का ही उल्लेख अपने जवाब में किया?। जबकि सिंगरौली के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने यह वर्तन जय माता दी कार्पोरेशन बैकुंडपुर कोरिया छत्तीसगढ़ से दिसंबर 2024 में खरीदे हैं।

क्या-क्या बर्तन और सामग्री खरीदी…

सामग्री प्रति केंद्र (संख्या) प्रति नग दर (₹) कुल संख्या कुल राशि (₹)
स्टील थाली 30 610 46,500 2,83,65,000
स्टील ग्लास 30 162 46,500 75,33,000
स्टील चम्मच 30 38 46,500 17,67,000
स्टील करछुल 04 355 6,200 21,99,000
स्टील कंटेनर 04 993 6,200 61,56,600
स्टील जग 02 247 3,100 7,65,700
स्टील बाल्टी 02 1000 3,100 31,00,000

( सामग्री प्रति नग और राशि रुपए में )

विधायकों को मिले अफसरों की सीआर लिखने का अधिकार

कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने कहा कि अधिकारियों के सीआर लिखने के अधिकार भी विधायकों और जनप्रतिनिधियों को दिए जाने चाहिए। विधायक अगर जांच की मांग करते हैं तो कमेटी में उन्हें शामिल नहीं किया जाता है। सरकार में स्थिति ऐसी है कि जो लोग सरकार का साथ दे रहे हैं, उनके यहां तो काम कराए जाते हैं। जो नहीं देते, उनके यहां काम करने से मना कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कई ऐसे पूर्व विधायक हैं जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। पेंशन बढ़ाने की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।

सहकारी संस्था में नहीं हो रहे चुनाव: शेखावत

कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि सहकारिता विभाग में चुनाव नहीं कराए जा रहे। सरकारी संस्थाएं किसी के चलते अब सहकारी संस्थाएं बनकर रह गई हैं। जकार्ता नियमों में प्रावधान है कि किसी भी सरकारी संस्था का संचालक मंडल 6 महीने से अधिक तक भंग नहीं रहेगा। इसके बाद भी राज्य सरकार सहकारिता के चुनाव नहीं करा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहकारिता को बढ़ावा देने की भावना को दरकिनार कर राज्य सरकार अमेंडमेंट लेकर आ रही है। 38 जिला सहकारी बैंकों, अपेक्स बैंक समेत प्राथमिक सहकारी समितियां के चुनाव नहीं हुए हैं। सहकारिता मंत्री को यह सब पता है। हाई कोर्ट इस मामले में आदेश जारी कर चुका है, लेकिन 9 साल बाद भी चुनाव नहीं हो रहे हैं।

सबनानी ने उठाया पीएम आवास के अधूरे कामों का मुद्दा

भाजपा विधायक भगवान दास सबनानी ने ध्यानाकर्षण के जरिए भोपाल के कोटरा स्थित गंगानगर में प्रधानमंत्री आवास योजना में निर्माण कार्य पूरा नहीं होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह काम 6 साल देरी से चल रहे हैं। बार-बार इसकी समय सीमा बढ़ती जा रही है। आवास का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा -जो लोग परियोजना में देरी के कारण किराए से रहने को मजबूर हैं, उन्हें आवास के लिए राशि दी जानी चाहिए। मंत्री के जवाब के बाद विधायक सबनानी ने कहा कि भोपाल में इस तरह के कुल 14 प्रोजेक्ट हैं उनके मामले में भी ध्यान देने की जरूरत है।

शिप्रा के दोनों ओर 29 किमी तक घाट बनेंगे : मंत्री सिलावट

जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि सरकार बांधों की सुरक्षा को लेकर सजग है। बांधों के निरीक्षण के लिए बनाई गई कमेटी हर साल रिपोर्ट देती है। आज तक 44 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता विकसित की जा चुकी है। अगले पांच साल में 100 लाख हेक्टेयर तक सिंचाई क्षमता बढ़ाने का काम किया जाएगा। केन बेतवा परियोजना के आकार लेने पर बुंदेलखंड में पेयजल और सिंचाई संकट में कमी आई है। एमपी को एक अन्य सिंचाई परियोजना पार्वती कालीसिंध चंबल नदी परियोजना के रूप में मिली है। इस योजना पर तेजी से काम हो रहा है। सिंहस्थ 2028 के पहले योजना को पूरा कर लिया जाएगा। शिप्रा के दोनों ओर 29 किमी घाट बनाए जाएंगे जिसके लिए 775 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है।