MP AQI: मध्य प्रदेश के कई शहरों में हवा हुई साफ, ग्वालियर में प्रदूषण अभी भी 200 के पार

मध्य प्रदेश में दीपावली के बाद प्रदूषण के स्तर में अब धीरे-धीरे सुधार के संकेत मिल रहे हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कई प्रमुख औद्योगिक और शहरी इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में कमी दर्ज की गई है। हालांकि ग्वालियर (AQI 210) अभी भी “अस्वस्थ” श्रेणी में शामिल है, लेकिन बीते दिनों की तुलना में इसमें गिरावट देखी गई है। वहीं, भोपाल (AQI 170) और जबलपुर (AQI 117) जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता “बहुत अस्वस्थ” स्तर से सुधरकर “मध्यम” या “अस्वस्थ” श्रेणी तक आ गई है। यह साफ संकेत है कि प्रदेश में हवा की गुणवत्ता अब बेहतर दिशा में बढ़ रही है।

वर्तमान स्थिति और वायु गुणवत्ता रैंकिंग

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, इस समय प्रदेश के दस प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति इस प्रकार है —
ग्वालियर 210 AQI के साथ सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है। इसके बाद पीथमपुर (183), देवास (179) और मंडीदीप (179) जैसे औद्योगिक क्षेत्र “अस्वस्थ” श्रेणी में हैं। राजधानी भोपाल का सूचकांक 170 तक पहुंचा, जो अब सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है। वहीं कटनी (153) “मध्यम-अस्वस्थ” श्रेणी में है। दमोह (149) और रतलाम (149) में वायु गुणवत्ता “मध्यम” श्रेणी में दर्ज की गई है। इसके अलावा सिंगरौली (142) और जबलपुर (117) में भी वायु प्रदूषण में कमी आई है, जिससे हवा अपेक्षाकृत साफ मानी जा रही है।

क्यों घटा और बढ़ा प्रदूषण

प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी बृजेश शर्मा के अनुसार, दिवाली के तुरंत बाद वायु प्रदूषण में आई तेज वृद्धि का कारण पटाखों का अत्यधिक उपयोग, ठंड की शुरुआत और हवा की गति में कमी था। इन तीनों कारणों ने मिलकर वायुमंडल में धूल और धुएं के कणों की मात्रा को बढ़ा दिया था। उन्होंने बताया कि खासतौर पर सुबह और शाम के समय हवा में धूल के सूक्ष्म कण अधिक सक्रिय रहते हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी महसूस होती है। हालांकि, अब मौसम की स्थिति सामान्य हो रही है और हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आने लगी है। उनका कहना है कि अगले एक-दो दिनों में वायु गुणवत्ता और सुधर जाएगी और हवा लगभग शुद्ध स्थिति में लौट आएगी।

भोपाल नगर निगम के प्रयास से आई राहत

राजधानी भोपाल में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भोपाल नगर निगम (BMC) ने विशेष अभियान चलाया है। निगम ने शहर के तीन प्रमुख निगरानी केंद्रों — पर्यावरण परिसर, टीटी नगर और कलेक्टर कार्यालय — में AQI रिकॉर्डिंग सिस्टम सक्रिय किए हैं ताकि प्रदूषण की रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जा सके। इसके अलावा, शहर में धूल के कणों को कम करने के लिए 21 वाटर स्प्रिंकलर वाहनों को तैनात किया गया है, जो लगातार 24 घंटे तक मुख्य सड़कों और औद्योगिक क्षेत्रों में पानी का छिड़काव कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन प्रयासों का असर अब साफ नजर आने लगा है और पिछले एक दिन में ही वायु प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।