विधानसभा के विशेष सत्र में ‘विकसित मध्य प्रदेश 2047’ पर मंथन, मंत्री विजयवर्गीय बोले- पूर्व मुख्यमंत्रियों का योगदान अहम

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बुधवार, 17 दिसंबर को विधानसभा का एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के भविष्य के रोडमैप पर चर्चा करना था। सदन में विशेष रूप से ‘विकसित और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश 2047’ के विजन पर गंभीर मंथन किया गया।

इस महत्वपूर्ण चर्चा की शुरुआत प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने की। उन्होंने सदन को संबोधित करते हुए राज्य की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला। विजयवर्गीय ने अपने संबोधन में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बात की और प्रदेश के अब तक के सफर को रेखांकित किया।

पूर्व मुख्यमंत्रियों के योगदान को याद किया

सदन में बोलते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मध्य प्रदेश आज जिस मुकाम पर खड़ा है, उसमें प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास की यह इमारत किसी एक दिन या एक व्यक्ति के प्रयास से नहीं बनी है, बल्कि यह निरंतर प्रयासों का परिणाम है।

“आज मध्य प्रदेश जिस स्थान पर खड़ा है, वह हमारे पूर्व मुख्यमंत्रियों के अथक प्रयासों का ही नतीजा है। हम आशा करते हैं कि भविष्य में भी हम प्रदेश के विकास के लिए इसी तरह सामूहिक रूप से प्रयास करते रहेंगे।” — कैलाश विजयवर्गीय, नगरीय प्रशासन मंत्री

सामूहिक प्रयास का आह्वान

विजयवर्गीय ने अपने संबोधन के दौरान सदस्यों से एकजुटता की अपील की। उन्होंने उम्मीद जताई कि पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्य मिलकर प्रदेश की तरक्की के लिए काम करेंगे। ‘विकसित मध्य प्रदेश 2047’ का लक्ष्य केवल सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि सामूहिक इच्छाशक्ति से ही हासिल किया जा सकता है। सत्र के दौरान अन्य सदस्यों ने भी इस विजन डॉक्यूमेंट पर अपने विचार रखे और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाने के सुझाव दिए।