निलय श्रीवास्तव
मध्यप्रदेश में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ( Global Investors Summit ) में 30 से अधिक देशों के 70 प्रतिनिधिमण्डल और 20 देशों के राजदूत, उच्चायुक्त और राजनयिक भाग लेंगे। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश पहले सपना था लेकिन अब हकीकत बनकर हमारी आँखों के सामने आ चुका है। देश भर में मध्यप्रदेश की नजीर पेश की जाती है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मध्यप्रदेश की कई बार सराहना कर चुके हैं। यहाँ होने वाले अभिनव प्रयोग तथा विकास को गति देने वाले कार्यक्रमों की प्रशंसा वे अक्सर अपने भाषाणों में करते हैं। प्रदेश के लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के हर संभव प्रयास हो रहे हैं। सबकी आँखों में विकास का सपना स्पष्ट रुप से झलकता दिखायी देता है जो स्वत: ही प्रमाणित करता है कि मध्यप्रदेश ने लघु भारत के रूप में अपनी पृथक पहचान स्थापित कर ली है। उद्योग के साथ शिक्षा एवं अन्य स्त्रोतों से अपना भाग्य अजमाने वाले लोगों का ध्यान स्वत: ही खिचा चला आ रहा है। देश और बाहर से उद्योगपतियों का यहाँ आना जाना हर समय बना रहता है। वे यहाँ अवलोकन कर संभावनाओं को तलाशते हैं।
Global Investors Summit से उद्योगों को मिलेगा पुनर्जीवन
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ( Global Investors Summit ) में लघु और मंझोले उद्योगों को पुर्नजीवन मिलेगा, इस विश्वास को बल मिलता दिखायी देता है। प्रसंगवश यहाँ बता दें कि मध्यप्रदेश के बड़े, मंझोले तथा लघु उद्योगों को पुन: बड़े स्वरूप में संचालित कर युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने की पहल मध्यप्रदेश सरकार और उसके मुखिया डॉ. मोहन यादव ने की है। अपने अल्प समय के कार्यकाल के दौरान डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश में निवेश को बढ़ाने के लिये सारे जतन कियें हैं। समय – समय पर वे इस दिशा में प्रयास करते हुए देश के कई राज्यों का भ्रमण कर मध्यप्रदेश की औद्योगिक क्षमता की प्रशंसा कर निवेशकों को मध्यप्रदेश आने के लिये आमंत्रित करते रहे हैं। यहाँ बता दें कि देश का हृदयस्थल मध्यप्रदेश अपनी विशिष्टताओं के लिए जाना जाता है। यहाँ अन्य खूबियों के साथ व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में अनंत संभावनायें हैं, सही स्तर पर उनका उपयुक्त समायोजन किया जाये तो परिणाम सुखद एवं आशातित मिलेंगें। मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ समय – समय पर निवेशकों को प्रोत्साहन देने के लिये कार्यक्रम चलायें जाते हैं। उद्योगों की कार्यक्षमता बढ़ाने के साथ युवाओं को रोजगार के अवसर सुलभ कराने की पहल अक्सर होती है। इसी श्रृंखला में इसी वर्ष आगामी 24 और 25 फरवरी को प्रदेश की राजधानी भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगें। इन्वेस्टर्स समिट का उद्देश्य निवेश को बढ़ाने के साथ ही उद्योग, निर्यात तथा अन्य व्यापारिक गतिविधियों को नवीन ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाना है। मध्यप्रदेश में या कहें कि देश में प्रथम अवसर होगा जब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 30 से अधिक देशों के 70 प्रतिनिधिमण्डल और 20 देशों के राजदूत, उच्चायुक्त और राजनयिक भाग लेंगें। वह अद्भुत क्षण होगा जब विश्व के बड़े अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संगठन अपने – अपने देशों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाने के साथ निवेश की संभावनाओं को तलाशने के लिये विभिन्न पहलुओं पर बातचीत करेंगें।
इनमें प्रमुख रूप से इंग्लैण्ड, इजराइल, नीदरलैण्ड, सिंगापुर, कनाडा के इन्वेस्ट ओटावा, जापान एक्सटर्नल ट्रेड आर्गेनाइजेशन, वल्र्ड बैंक इंडिया के कई प्रतिनिधि, ताइवान एक्सटर्नल ट्रेड डेव्लपमेंट काउंसिल, इंडो जर्मन चैम्बर ऑफ कार्मस, आस्ट्रेलिया के आस्ट्रेड आदि इन्वेस्ट समिट में भाग लेंगें। इनके साथ ही रुस के उल्यानोवस्क प्रांत के गवर्नर रुसकिख अलेक्सेई युराएविच, जिम्बाब्वे के डिप्टि मिनिस्टर सज मोदी, जर्मनी के काउंसिल जनरल आकिम फैबिक, जापान के काउंसिल जनरल यागी कोजी, कनाडा की ट्रेड कमिश्नर इलाइन डिसूजा, इंडो पौलिश चैम्बर के अध्यक्ष जे.जे. सिंह, थाईलैण्ड के कांउसिल नुआपरे बुंनांग, यू के दूतावास के राजनीतिक द्विपक्षीय मामलों के प्रमुख जॉन निकेल आदि विशिष्ट मेहमान ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेकर उद्योग और निवेश क्षेत्र से जुड़ी विशेषताओं के बारे में बतायेंगें। वहीं भारत के बड़े उद्योगपति अनिल अंवानी, अडानी गु्रप, कुमार मंगलम, बिड़ला, टाटा, नादिर गोदरेज, पुनीत डालमिया ओर अजय पीरामल भी व्यापार, उद्योग ओर निवेश निर्यात पर अपना पक्ष रखेंगें। समिट में फार्मा, आई टी, आटो मोबाइल, कपड़ा, वस्त्र, रसायन, सीमेंट, खाद्य, प्रसंस्करण, पेट्रोकेमिकल, पर्यटन, नवकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपति एक साथ विचार विमर्श कर बतायेंगें कि इन क्षेत्रों में विकास के साथ रोजगार की संभावनाओं को कैसे तलाशा जाये। आयोजन का उद्देश्य देश और विदेश से आने वाले निवेशकों को मध्यप्रदेश में चल रही औद्योगिक परिस्थितियों से अवगत करवा यहाँ अपनी- अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराना है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट एक नये मध्यप्रदेश के निर्माण में सहायक साबित होगा। संतोष की बात है कि मध्यप्रदेश की वर्तमान सरकार उद्योग और व्यापार की चिंता करती है। यहाँ लम्बे समय से बंद पड़े उद्योगों को दौबारा चालू करने के साथ निवेशकों की सहभागिता पर भी चिंतन मनन किया जा रहा है। प्रसंगवश बता दें कि मध्यप्रदेश में समय – समय पर निवेशकों के लिए सम्मेलन आयोजित कर उन्हें मध्यप्रदेश की औद्योगिक अधोसंरचना से अवगत कराया जाता है ताकि बंद पड़े उद्योगों को जीवनदान मिले और युवाओं को रोजगार के संसाधन उपलब्ध हों। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॅा. मोहन यादव यहाँ के औधोगिक और व्यापारिक ढांचा को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयासरत हैं। उनके शब्दों में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से हमें बड़ी उम्मीदें हैं। मध्यप्रदेश में जो उत्पाद बने हैं, वे दुनिया में जायेंगे। पूरी दुनिया में मध्यप्रदेश की ब्राडिंग होगी।
आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो प्रदेश का आॢथक तथा व्यापारिक ढाँचा मजबूत होने का असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर सीधे पड़ेगा। युवाओं को रोजगार का रास्ता भी यहीं से निकलता है। वे मानते हैं कि मध्यप्रदेश के पास युवा शक्ति का भंडार है, यदि उनकी कार्यक्षमता का उपयोग इस दिशा में किया जाये तो समृद्धि तो होगी ही इसके अलावा लाखों हाथों में रोजगार भी होगा।