कल आएगा एमपी बोर्ड 10वीं-12वीं का रिजल्ट, इन वेबसाइट पर देख सकेंगे छात्र अपना परिणाम

मध्यप्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (MPBSE) द्वारा 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम 6 मई 2025 को शाम 5 बजे घोषित किए जाएंगे। इस बार परीक्षा परिणाम खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा भोपाल स्थित सीएम हाउस से जारी किए जाएंगे।

बोर्ड ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर छात्रों को समय से पहले सूचना दे दी है। इस वर्ष लगभग 16 लाख छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी है, जो अब अपने रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

रिजल्ट देखने के लिए ये प्लेटफॉर्म हैं उपलब्ध

रिजल्ट जारी होते ही छात्र MPBSE की आधिकारिक वेबसाइट https://mpbse.mponline.gov.in पर जाकर अपने परीक्षा परिणाम देख सकेंगे। इसके अलावा रिजल्ट मोबाइल ऐप्स के जरिए भी चेक किया जा सकता है। छात्र Digilocker के माध्यम से भी रिजल्ट डाउनलोड कर सकते हैं। साथ ही, Google Play Store से MPBSE MOBILE App या MP Mobile App डाउनलोड कर ‘Know Your Result’ ऑप्शन चुनकर, रोल नंबर व आवेदन क्रमांक डालकर रिजल्ट देखा जा सकता है।

कम नंबर आने पर भी मिलेगा दूसरा मौका

इस वर्ष से एमपी बोर्ड ने छात्रों को बड़ी राहत देते हुए एक नई व्यवस्था लागू की है। अगर कोई छात्र मुख्य परीक्षा में फेल हो जाता है, तो उसे पूरे साल इंतजार करने की बजाय जुलाई में फिर से परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत उठाया गया है, ताकि छात्र एक साल बर्बाद होने से बच सकें।

पहले की क्या थी व्यवस्था?

अब तक की प्रणाली के अनुसार, केवल एक विषय में फेल होने वाले छात्रों को ‘रुक जाना नहीं’ योजना के अंतर्गत स्टेट ओपन बोर्ड से पूरक परीक्षा देने का विकल्प मिलता था। लेकिन अब नई नीति के चलते कई विषयों में फेल होने वाले छात्र भी पुनः परीक्षा दे सकेंगे। यह बदलाव छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

2024 में आंकड़े क्या बताते हैं?

पिछले वर्ष यानी 2024 में, एमपी बोर्ड की परीक्षाओं में लगभग 2.20 लाख छात्रों को पूरक परीक्षा देने का अवसर मिला था, जबकि करीब 5.60 लाख छात्र फेल हुए थे। ऐसे में यह नया फैसला लाखों छात्रों को मानसिक दबाव से राहत दिलाएगा और उन्हें अपनी गलतियों को सुधारने का एक और अवसर देगा।

अन्य राज्यों में भी लागू हो रहा है नया मॉडल

मध्यप्रदेश के साथ-साथ अब गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य भी साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। यह व्यवस्था छात्रों को पढ़ाई में और अधिक लचीलापन प्रदान करती है और उन्हें अपनी क्षमताओं के अनुसार बेहतर प्रदर्शन का अवसर देती है।