MP Board Exam: बोर्ड परीक्षा में केंद्राध्यक्ष भी नहीं रख पाएंगे मोबाइल, ऐसा किया तो हो जाएगी 10 साल की सजा

MP Board Exam: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए 25 फरवरी, 2025 से परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की है। इस बार बोर्ड परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके साथ ही, परीक्षा के दौरान गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके। छात्रों को भयमुक्त वातावरण में परीक्षा देने का अवसर मिलेगा, और किसी भी प्रकार की अनियमितता पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में एक महत्वपूर्ण बदलाव

मध्य प्रदेश की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अब एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। यदि परीक्षा केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक या किसी भी अन्य स्टाफ के पास मोबाइल फोन पाया जाता है, तो उनके खिलाफ संबंधित थाना क्षेत्र में प्रकरण दर्ज कराया जाएगा। इस सख्त कदम के लिए परीक्षा अधिनियम में संशोधन विधेयक विधानसभा के 16 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। यह कदम परीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि कोई भी अनुशासनहीनता या गड़बड़ी न हो सके।

परीक्षा केंद्रों में मोबाइल फोन ले जाने पर अब 10 वर्ष तक की कैद की सजा

संशोधित विधेयक के तहत, मध्य प्रदेश में परीक्षा केंद्रों में मोबाइल फोन ले जाने पर अब 10 वर्ष तक की कैद की सजा का प्रविधान प्रस्तावित किया गया है। यह कड़ा कदम परीक्षा में अनुशासन बनाए रखने और अनैतिक साधनों को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस संशोधन का आधार भारत सरकार के “सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम-2024” को बनाया गया है, जिसके तहत सार्वजनिक परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या गड़बड़ी को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। इस संशोधन से परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और नकल या अन्य अनियमितताओं को काबू किया जा सकेगा।

दो वर्ष पहले मध्य प्रदेश में प्रश्न पत्र लीक होने की घटनाओं के बाद, मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की कार्यपालिका समिति ने इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का प्रस्ताव रखा था। इसके तहत, प्रश्न पत्र लीक करने या परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले के लिए 10 साल तक की कैद और 10 लाख रुपये का अर्थदंड प्रस्तावित किया गया था।

वर्तमान में, मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षाएं अधिनियम-1937 की धारा-3 (डी) के तहत, परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करने या करवाने वाले व्यक्ति के लिए तीन साल तक की सजा और पाँच हजार रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है। हालांकि, अब इस संशोधन के साथ सजा और जुर्माने की राशि को और कड़ा किया जा रहा है, ताकि परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे और नकल जैसी घटनाओं को सख्ती से रोका जा सके।

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की परीक्षाओं में कार्रवाई मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षाएं अधिनियम-1937 के तहत की जाती है, जिसमें परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग पर दंड का प्रावधान है। हालांकि, अब भारत सरकार के “सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम-2024” के नियम जारी होने के बाद, माशिमं ने इस अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है, ताकि परीक्षा में मोबाइल फोन के दुरुपयोग को रोका जा सके।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पहले मोबाइल फोन का प्रचलन नहीं था, इसलिए इनका दुरुपयोग रोकने के लिए विशेष प्रविधान नहीं थे। अब, मोबाइल के बढ़ते उपयोग और परीक्षा के दौरान इसके गलत इस्तेमाल को देखते हुए, यह संशोधन जरूरी समझा गया है। इस संशोधन के माध्यम से मोबाइल फोन जैसी तकनीकी उपकरणों के दुरुपयोग पर कड़ी नज़र रखी जाएगी और उन्हें परीक्षा केंद्रों में ले जाने पर कड़ी सजा का प्रविधान होगा।

दो साल पहले हुए प्रश्न पत्र लीक मामले में मोबाइल का दुरुपयोग सामने आया था। इस घटना में पुलिस थाना से परीक्षा केंद्र तक प्रश्न पत्र पहुंचने के दौरान, कुछ लोगों ने मोबाइल फोन से प्रश्न पत्र के फोटो खींचकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। इस प्रकार की घटनाओं को देखते हुए, अब एक सख्त प्रविधान लागू किया जा रहा है, जिसके तहत केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक और अन्य परीक्षा स्टाफ को परीक्षा के दौरान मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं होगी। यह कदम परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए उठाया गया है, ताकि प्रश्न पत्र लीक जैसी घटनाओं को रोकने और परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।