MP Board: मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) ने इस बार 10वीं और 12वीं के परिणामों को लेकर एक नई व्यवस्था लागू की है। अब जो छात्र परीक्षा में फेल होंगे, उन्हें पहले की तरह सप्लीमेंट्री परीक्षा का विकल्प नहीं मिलेगा। इसकी जगह उन्हें जुलाई-अगस्त 2025 में आयोजित होने वाली दूसरी अवसर परीक्षा (Second Chance Exam) में भाग लेना होगा।
इस बदलाव के तहत—
• छात्र सीधे पास या फेल घोषित किए जाएंगे।
• फेल होने वाले छात्र सप्लीमेंट्री के पात्र नहीं होंगे।
• दोबारा परीक्षा देने के लिए छात्रों को दूसरी अवसर परीक्षा में बैठना होगा, जो बोर्ड द्वारा तय समय पर आयोजित की जाएगी।
यह नई व्यवस्था बोर्ड परीक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से लाई गई है, जिससे छात्र तैयारी के लिए पर्याप्त समय लेकर फिर से प्रयास कर सकें।
अब तक मध्यप्रदेश बोर्ड (MP Board) में यह व्यवस्था थी कि अगर छात्र 10वीं में दो विषयों और 12वीं में एक विषय में फेल होते थे, तो उन्हें सप्लीमेंट्री परीक्षा देने का मौका मिलता था। इससे उन्हें उसी साल पास होने का एक और अवसर मिल जाता था।
पिछले साल के आँकड़े देखें तो:
• 10वीं का रिजल्ट 58.10% रहा था और 1,15,839 छात्रों को सप्लीमेंट्री मिली थी।
• 12वीं का रिजल्ट 64.49% रहा था और 1,04,727 छात्रों को सप्लीमेंट्री दी गई थी।
• 10वीं की सप्लीमेंट्री परीक्षा में हर साल करीब 32% छात्र फेल हो जाते थे।
अब बदलाव ये हुआ है कि:
• सप्लीमेंट्री की व्यवस्था पूरी तरह खत्म कर दी गई है।
• फेल छात्रों को जुलाई-अगस्त 2025 में दूसरी अवसर परीक्षा में बैठना होगा।
• इससे छात्र पूरे साल की पढ़ाई की दोबारा तैयारी कर सकेंगे और परीक्षा देंगे।
यह कदम छात्रों को बेहतर तैयारी के साथ दोबारा मौका देने की सोच से उठाया गया है, लेकिन यह बदलाव उन छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो एक विषय में ही फेल होते हैं और पहले की तरह जल्दी सुधार की उम्मीद रखते थे।
एमपी बोर्ड की नई व्यवस्था में “दूसरी परीक्षा” से जुड़े मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
1. कौन-कौन शामिल हो सकते हैं?
• फेल छात्र:
चाहे छात्र कितने भी विषयों में फेल हुआ हो, वह दूसरी परीक्षा में शामिल होकर दोबारा पास होने का मौका पा सकता है। अब विषयों की संख्या की कोई सीमा नहीं होगी।
• पास छात्र:
जो छात्र पास हो गए हैं लेकिन अपनी मेरिट सुधारना या नंबर बढ़ाना चाहते हैं, वे भी दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
2. सप्लीमेंट्री समाप्त:
इस नई व्यवस्था के तहत अब सप्लीमेंट्री परीक्षा की कोई जरूरत नहीं है। एक ही “दूसरी परीक्षा” सभी के लिए विकल्प होगी।
3. परीक्षा की समय-सारणी:
यह दूसरी परीक्षा जुलाई-अगस्त 2025 में आयोजित की जाएगी।
4. बोर्ड सचिव का बयान:
एमपी बोर्ड के सचिव केडी त्रिपाठी ने बताया कि यह बदलाव छात्रों को एक और समान अवसर देने के लिए किया गया है, जिससे फेल होने पर हतोत्साहित होने की बजाय वे फिर से कोशिश कर सकें।
यह व्यवस्था उन छात्रों के लिए फायदेमंद हो सकती है जो एक बार की असफलता से निराश हो जाते हैं, और साथ ही उन होनहार छात्रों के लिए भी जो बेहतर अंक पाने के लिए दूसरा प्रयास करना चाहते है।