by-election : बुधनी-विजयपुर में अब शुरू होगा स्टार वार

स्वतंत्र समय, इंदौर

दीपावली पर्व सम्पन्न होने के साथ अब मप्र की दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव ( by-election ) में अब रंग जमेगा। भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारक मोर्चा संभालने के लिए तैयार हो गए है। अगले 10 दिन राजनीति का पूरा फोकस दोनों विधानसभा क्षेत्रों पर रहेगा। दोनों पार्टियों ने इन सीटों को जीतने के लिए पूरा दम लगा रखा है। बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीट पर भाजपा विकास के एजेंडे पर चुनाव लड़ रही है। बुधनी में शिवराज सिंह चौहान द्वारा कराए गए विकास कार्यों को भाजपा प्रचारित कर रही है। बुधनी में उम्मीदवार भले रमाकांत भार्गव हों लेकिन, वोट शिवराज के नाम पर ही मांगे जा रहे हैं। 13 नवंबर को मप्र की दो विधानसभा सीटों बुधनी और विजयपुर में वोटिंग होगी।

by-election में कांग्रेस के स्टार प्रचारक

दीवाली के बाद अब उपचुनाव ( by-election ) में इन दोनों सीटों पर कांग्रेस-भाजपा के नेता प्रचार में पूरी ताकत झोंकेंगे। बुधनी में शिवराज को घेरने कांग्रेस के नेता अरुण यादव, सज्जन सिंह वर्मा, शैलेन्द्र पटेल जोर लगाएंगे। विजयपुर में रामनिवास रावत के दलबदल को लेकर कांग्रेस के नेता उन्हें घेरने के लिए डेरा डालेंगे।

भाजपा के स्टार प्रचारक

दोनों सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों को जिताने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से लेकर केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित मप्र सरकार के मंत्री और नेतागण केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के विकास को लेकर प्रचार में उतरेंगे।

कमलनाथ करेंगे तीन सभा

पूर्व सीएम कमलनाथ दो दिनों तक दोनों सीटों पर प्रचार करेंगे। शिवराज की परंपरागत बुधनी विधानसभा सीट पर कमलनाथ दो जनसभाएं करेंगे, वहीं विजयपुर सीट पर एक सभा को संबोधित करेंगे। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे दोनों सीटों पर प्रचार करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 5 नवंबर को बुधनी विधानसभा के रेहटी और भैरूंदा में जनसभा को संबोधित करेंगे। वहीं 6 नवंबर को विजयपुर विधानसभा के करहल में जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी का फोकस विजयपुर में रहेगा।

विजयपुर सीट पर क्या रहा अब तक ट्रेंड?

बता दें वर्ष 2013 के चुनाव में आदिवासी प्रत्याशी होने के बाद भी भाजपा चुनाव नहीं जीत सकी थी, जबकि 2018 के चुनाव में भाजपा के आदिवासी प्रत्याशी को जीत मिली। 2019 के लोकसभा चुनाव में जनजाति वर्ग ने भाजपा के पक्ष में वोट किया था। राजनीति के जानकारों का कहना है कि कुशवाह और रावत मतदाता एक दूसरे के एंटी रहे। ब्राह्मण, वैश्य मतदाता दोनों पार्टियों के पक्ष में रहते हैं, जबकि ओबीसी की अन्य जातियां हर बार परिस्थितियों के हिसाब से वोट करती आई है। वजयपुर से 9 बार कांग्रेस और 6 बार भाजपा जीती है।