स्वतंत्र समय, भोपाल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को जो बजट पेश किया है, उसमें मध्यप्रदेश ( MP ) को केंद्रीय कर की हिस्सेदारी के रूप में 15 हजार 908 करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे। 2024-25 वित्तीय वर्ष में एमपी को केंद्रीय कर की हिस्सेदारी के रूप में 95 हजार 753 रुपए मिले थे, यह हिस्सेदारी 2025-26 में बढक़र 1 लाख 11 हजार 661 करोड़ रुपए होगी। साथ ही 2024-25 के पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार, केंद्रीय कर के रूप में भी 5,247 करोड़ रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। केंद्रीय योजनाओं के अनुदान के रूप में करीब 45 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे। इस तरह एमपी को 1.60 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि मिलेगी। इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 12 हजार करोड़ रुपए और मिलेंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री ने स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में फ्री इंटरनेट कनेक्टिविटी और एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने का भी ऐलान किया है। साथ ही तीन साल में पीएम आवास ग्रामीण योजना के तहत 12 लाख मकान बनाने की भी घोषणा की है।
MP को केंद्रीय बजट में क्या- क्या मिला…
इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए
वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने अधोसंरचना विकास (इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट) को गति देने के लिए विशेष पूंजीगत सहायता योजना को निरंतर रखने का निर्णय लिया है। प्रदेश में पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ाया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रदेश को आगामी वित्तीय वर्ष में 12 हजार करोड़ रुपए मिल जाएंगे। राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में 15 हजार करोड़ रुपए प्राप्त करने का लक्ष्य रखा था। इसमें से अब तक 6,187 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। राज्य सरकार ने सात हजार करोड़ रुपए के प्रस्ताव और भेजे हैं। यह राशि भी केंद्र से मिलेगी। बता दें कि प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 64,738 करोड़ रुपए पूंजीगत निवेश का लक्ष्य रखा है।
12 नए कॉलेज खुलेंगे
केंद्रीय बजट में अगले 5 साल में एमबीबीएस की 75 हजार सीटें बढ़ाने की घोषणा की गई है। 2025-26 के सत्र में 10 हजार सीटें बढ़ेंगी। मध्यप्रदेश में अगले 3 साल में 12 नए कॉलेज शुरू होंगे। जिनमें एमबीबीएस की 2 हजार सीटें बढ़ जाएंगी। फिलहाल, प्रदेश में 13 ऑटोनॉमस मेडिकल कॉलेज हैं। जिनमें एमबीबीएस की 2275 और पीजी की 1262 सीटें हैं।
ब्रॉडबैंड इंटरनेट फ्री
केंद्रीय वित्त ने घोषणा की है कि भारत नेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी फ्री प्रदान की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा मंडल के एक अधिकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के मिडिल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में 20 लाख से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। केंद्र की इस योजना से स्कूलों में छात्रों तक इंटरनेट की पहुंच बढ़ेगी और पढ़ाई का तरीका बदलेगा।
जल जीवन मिशन को एक्सटेंशन
जल जीवन मिशन को 2028 तक जारी रखने की घोषणा की गई है। इससे मध्यप्रदेश के 37 लाख परिवारों को फायदा होगा। एमपी में 1.11 करोड़ मकानों में घर-घर पानी पहुंचाने का टारगेट तय किया गया था। जनवरी 2025 तक 75 लाख 25 हजार घरों में नलों से पानी पहुंच सका है यानी योजना का केवल 67 फीसदी काम पूरा हुआ है। यह योजना 15 अगस्त 2019? को शुरू की गई थी। इसका पहला चरण 2024 में पूरा हो चुका है। पीएचई डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव पी नरहरि ने बताया कि योजना की डेडलाइन बढऩे से मध्यप्रदेश को फायदा मिलेगा। नरहरि के मुताबिक, मध्यप्रदेश के लिए वर्ष 2023 में 30 हजार करोड़ रुपए की 40 योजनाएं स्वीकृत हुई हैं।
सड़कों के लिए 2800 करोड़
लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सेंट्रल रोड एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड से सडक़ और पुल बनाने के लिए 2,787.71 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं। इस राशि का प्रावधान केंद्रीय बजट में किया गया है। इस बजट से भोपाल, जबलपुर और उज्जैन में फ्लाईओवर और सडक़ों का निर्माण किया जाएगा। भोपाल में 559 करोड़ रुपए की लागत से 4 सडक़ें और तीन फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ को देखते हुए 647 करोड़ की लागत से 11 सडक़ें बनाई जाएंगी।