मध्य प्रदेश में अब कॉलोनियों के विकास और पंजीयन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में कॉलोनाइजरों को बड़ी राहत देते हुए कॉलोनी विकास की अनुमतियों के लिए एक नए ऑनलाइन पोर्टल को मंजूरी दे दी है। इस सिंगल-विंडो सिस्टम से पूरी प्रक्रिया पारदर्शी, सरल और समयबद्ध हो जाएगी।
यह निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा नगरीय विकास एवं आवास विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में ऐसी व्यवस्था लागू की जाए, जिससे आम नागरिकों और व्यवसायियों को किसी भी काम के लिए अनावश्यक रूप से परेशान न होना पड़े। इसी कड़ी में यह ऑनलाइन प्रणाली शुरू की गई है।
ऑनलाइन सिस्टम से आएगी पारदर्शिता
अब तक कॉलोनाइजरों को कॉलोनी के पंजीयन, विकास की अनुमति और भवन अनुज्ञा जैसे कामों के लिए अलग-अलग दफ्तरों में आवेदन करना पड़ता था। इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था और भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी बनी रहती थी। नई ऑनलाइन व्यवस्था के तहत सभी अनुमतियां एक ही पोर्टल के माध्यम से मिलेंगी।
यह पोर्टल ‘मध्य प्रदेश कॉलोनी विकास नियम 2021’ के प्रावधानों के तहत काम करेगा। इससे न केवल पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि आवेदनों का निपटारा भी एक निश्चित समय-सीमा के भीतर हो सकेगा, जिससे अनावश्यक देरी से छुटकारा मिलेगा।
कैसे काम करेगा नया पोर्टल?
इस एकीकृत ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से कॉलोनाइजर अपनी कॉलोनियों के लिए सभी आवश्यक अनुमतियों के लिए एक ही स्थान पर आवेदन कर सकेंगे। इसमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- कॉलोनाइजर का पंजीयन
- कॉलोनी विकास की अनुमति
- भवन निर्माण की अनुमति (बिल्डिंग परमिशन)
आवेदक पोर्टल पर जरूरी दस्तावेज अपलोड कर आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। उनके आवेदन की स्थिति को भी ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा। अधिकारियों के लिए भी आवेदनों को स्वीकृत या अस्वीकृत करने की प्रक्रिया समय-सीमा में बांध दी गई है।
रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगी गति
सरकार के इस कदम से प्रदेश के रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी गति मिलने की उम्मीद है। अनुमतियों की प्रक्रिया सरल और तेज होने से नए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स समय पर शुरू हो सकेंगे। इससे न केवल कॉलोनाइजरों को फायदा होगा, बल्कि घर खरीदने वाले आम नागरिकों को भी समय पर अपने सपनों का आशियाना मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग करके प्रक्रियाओं को सरल बनाना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि प्रदेश में निवेश का माहौल और बेहतर हो सके।