मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 5 मार्च को खजुराहो के दौरे पर रहेंगे। यह दौरा प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों ही नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है। सीएम यादव खजुराहो में कैबिनेट की बैठक लेंगे, जिसमें प्रदेश के विकास, विशेषकर बुंदेलखंड क्षेत्र को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
इस दौरे का सबसे बड़ा आकर्षण ‘लाड़ली बहना योजना’ से जुड़ा कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री इस दिन योजना की 31वीं किस्त जारी करेंगे। इससे प्रदेश की लाखों महिलाओं के खातों में सीधे राशि हस्तांतरित की जाएगी। राज्य सरकार लगातार महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रही है और यह कार्यक्रम उसी कड़ी का हिस्सा है।
खजुराहो में कैबिनेट बैठक के मायने
राजधानी भोपाल से बाहर कैबिनेट बैठक आयोजित करने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, इस बार खजुराहो को चुना गया है। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल होने के कारण खजुराहो में बैठक करने से पर्यटन को बढ़ावा देने का संदेश भी जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में पर्यटन, संस्कृति और स्थानीय बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा हो सकती है।
प्रशासनिक अमला सीएम के दौरे की तैयारियों में जुट गया है। सुरक्षा व्यवस्था से लेकर कार्यक्रम स्थल तक की सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं ताकि कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
बुंदेलखंड के लिए सौगातों की उम्मीद
बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी, रोजगार और पर्यटन की संभावनाएं हमेशा चर्चा का विषय रही हैं। माना जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में इस क्षेत्र के लिए कुछ विशेष पैकेज या परियोजनाओं की घोषणा हो सकती है। केन-बेतवा लिंक परियोजना और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर भी सरकार का फोकस रह सकता है।
लाड़ली बहना योजना के तहत राशि वितरण के अलावा, मुख्यमंत्री कुछ अन्य विकास कार्यों का भी लोकार्पण और शिलान्यास कर सकते हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि और भाजपा संगठन भी इस दौरे को सफल बनाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए भी इस दौरे के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी मोहन यादव सरकार ने उज्जैन और जबलपुर जैसे शहरों में कैबिनेट बैठकें आयोजित की हैं। सरकार का प्रयास है कि प्रशासन केवल राजधानी तक सीमित न रहे, बल्कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर सरकार जनता से सीधा संवाद स्थापित करे। 5 मार्च का दिन खजुराहो और पूरे बुंदेलखंड के लिए काफी हलचल भरा रहने वाला है।