लोकसभा में हार के बाद MP कांग्रेस की दिल्ली में बड़ी बैठक, 2028 के लिए खड़गे और राहुल गांधी बनाएंगे रणनीति

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी ने आत्ममंथन शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में आज दिल्ली स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ हार के कारणों की समीक्षा करेंगे और भविष्य की रणनीति तैयार करेंगे।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर हार गई थी। इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद यह पहली बार है जब प्रदेश के लगभग 35-40 शीर्ष नेता एक साथ आलाकमान के सामने अपनी बात रखेंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य अगले साढ़े चार साल के लिए पार्टी का रोडमैप तैयार करना है, जिसमें 2028 के विधानसभा चुनाव पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

बैठक के मुख्य एजेंडे

इस उच्च-स्तरीय बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। सबसे पहले, लोकसभा चुनाव में हार के कारणों की विस्तृत समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों पर भी मंथन होगा। बैठक का एक बड़ा फोकस राज्य में संगठन को मजबूत करने पर रहेगा।

चर्चा के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

  • लोकसभा चुनाव में ‘क्लीन स्वीप’ के कारणों का विश्लेषण।
  • 2028 विधानसभा चुनाव के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाना।
  • आगामी स्थानीय चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन और प्रचार अभियान।
  • लंबे समय से लंबित जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियां।

‘एक व्यक्ति-एक पद’ के फॉर्मूले पर होगी नजर

बैठक में ‘एक व्यक्ति-एक पद’ का मुद्दा प्रमुखता से उठ सकता है। वर्तमान में, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी विधायक भी हैं और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी विधायक पद पर हैं। पार्टी के उदयपुर चिंतन शिविर में पारित प्रस्ताव के अनुसार, एक नेता को एक ही पद पर रहना चाहिए। इस नियम को लागू करने के लिए आलाकमान पर दबाव है, और इस बैठक में इस पर कोई ठोस फैसला लिया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, कुछ नेता इस नियम को सख्ती से लागू करने की वकालत कर सकते हैं, जिससे प्रदेश कांग्रेस की संरचना में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

गुटबाजी और संगठनात्मक नियुक्तियां

मध्य प्रदेश कांग्रेस लंबे समय से गुटबाजी की समस्या से जूझ रही है। इस बैठक में पार्टी के भीतर चल रहे मतभेदों को दूर करने और सभी नेताओं को एक साथ लाने का प्रयास किया जाएगा। पार्टी आलाकमान का मानना है कि संगठनात्मक कमजोरी और आपसी खींचतान भी हार की एक बड़ी वजह रही।

इसके साथ ही, राज्य में 77 ब्लॉक अध्यक्षों समेत कई जिला अध्यक्षों के पद खाली हैं। इन नियुक्तियों को जल्द से जल्द पूरा करने पर भी चर्चा होगी ताकि जमीनी स्तर पर संगठन को सक्रिय किया जा सके। इस बैठक को मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए एक नई शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है, जहां पार्टी अपनी गलतियों से सीखकर भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करना चाहती है।