मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने अपने संगठन को फिर से खड़ा करने और आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए कमर कस ली है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) ने 26 दिसंबर को एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना और भविष्य के लिए एक ठोस रणनीति तैयार करना है।
यह बैठक भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित की जाएगी। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी करेंगे। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही पार्टी लगातार संगठन में बदलाव और सुधार की प्रक्रिया में जुटी है।
संगठन को धार देने पर फोकस
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक का एजेंडा पूरी तरह से संगठनात्मक ढांचे को कसने पर केंद्रित होगा। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि ब्लॉक और जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं में नया जोश भरा जाए। इसके अलावा, निष्क्रिय पदाधिकारियों की जगह नए और ऊर्जावान चेहरों को मौका देने पर भी विचार विमर्श हो सकता है।
बैठक में आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर भी चर्चा संभावित है। कांग्रेस अब हर चुनाव को पूरी गंभीरता से लड़ने के मूड में है, ताकि जनता के बीच अपनी खोई हुई जमीन वापस पाई जा सके।
2026 के लिए बनेगा रोडमैप
इस बैठक का सबसे महत्वपूर्ण पहलू 2026 के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार करना है। यद्यपि अगला विधानसभा चुनाव अभी दूर है, लेकिन कांग्रेस अभी से ही अपनी तैयारियों को पुख्ता करना चाहती है। पार्टी का लक्ष्य है कि अगले दो-तीन सालों में सरकार की नाकामियों को जनता के सामने लाया जाए और एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाई जाए।
बैठक में सदस्यता अभियान, जन आंदोलनों की रूपरेखा और सोशल मीडिया पर पार्टी की सक्रियता बढ़ाने जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी। जीतू पटवारी लगातार प्रदेश भर का दौरा कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। यह बैठक उसी कड़ी का एक हिस्सा मानी जा रही है।
वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी रहेगी अहम
इस बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों के अलावा सभी जिला अध्यक्षों और प्रभारियों को भी बुलाया जा सकता है। पार्टी हाईकमान का स्पष्ट निर्देश है कि संगठन में गुटबाजी को खत्म कर एकजुटता पर जोर दिया जाए। भंवर जितेंद्र सिंह इस दौरान नेताओं से वन-टू-वन चर्चा भी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में हुई कुछ बैठकों में भी अनुशासन और सक्रियता पर जोर दिया गया था। 26 दिसंबर की बैठक से यह साफ हो जाएगा कि कांग्रेस आने वाले समय में किस आक्रामक रणनीति के साथ मैदान में उतरने वाली है।