मध्य प्रदेश राज्य साइबर पुलिस ने इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए एक गंभीर चेतावनी जारी की है। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 68 करोड़ यूजर्स का डेटा लीक होने की आशंका है। इस खतरे को देखते हुए साइबर सेल ने लोगों से अपनी डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने की अपील की है।
साइबर पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एडवाइजरी में स्पष्ट कहा गया है कि यह डेटा लीक बेहद संवेदनशील हो सकता है। इसमें यूजर्स के लॉगिन क्रेडेंशियल्स, पासवर्ड और अन्य निजी जानकारियां शामिल होने की संभावना है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही बड़े वित्तीय नुकसान या निजी जानकारी के दुरुपयोग का कारण बन सकती है।
तुरंत बदलें अपने पासवर्ड
एडवाइजरी में सबसे प्रमुख सलाह पासवर्ड बदलने को लेकर दी गई है। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप लंबे समय से एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे तुरंत बदल दें। इसके अलावा, अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स के लिए एक ही पासवर्ड का उपयोग करना भी जोखिम भरा है।
पुलिस ने सुझाव दिया है कि पासवर्ड हमेशा मजबूत होना चाहिए। इसमें अक्षरों, अंकों और विशेष वर्णों (Special Characters) का मिश्रण होना चाहिए ताकि उसे आसानी से क्रैक न किया जा सके।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन है जरूरी
सिर्फ पासवर्ड बदलना ही काफी नहीं है। साइबर पुलिस ने ‘टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन’ (2FA) को अनिवार्य रूप से चालू करने की सलाह दी है। यह सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत है। अगर किसी हैकर के पास आपका पासवर्ड आ भी जाए, तो भी वह बिना दूसरे वेरिफिकेशन कोड (OTP) के आपके अकाउंट में प्रवेश नहीं कर पाएगा।
फिशिंग लिंक से रहें सावधान
डेटा लीक के बाद हैकर्स अक्सर फिशिंग ईमेल या मैसेज का सहारा लेते हैं। साइबर सेल ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। बैंक या किसी सर्विस प्रोवाइडर के नाम पर आने वाले फर्जी संदेशों से सतर्क रहें। अपनी निजी जानकारी, जैसे बैंक खाता नंबर या ओटीपी, किसी के साथ साझा न करें।
सॉफ्टवेयर अपडेट रखें
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि अपने मोबाइल और कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें। पुराने सॉफ्टवेयर में सुरक्षा खामियां हो सकती हैं, जिनका फायदा हैकर्स उठा सकते हैं। एंटीवायरस का उपयोग करना भी सुरक्षा के लिहाज से बेहतर कदम है।
गौरतलब है कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े डेटा लीक की खबर सामने आई थी, जिसमें करोड़ों यूजर्स की जानकारी डार्क वेब पर उपलब्ध होने का दावा किया गया था। इसी संदर्भ में मध्य प्रदेश साइबर सेल ने यह एहतियाती कदम उठाया है ताकि राज्य के नागरिक साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकें।