स्वतंत्र समय, भोपाल
राज्य सरकार के पास प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों का टोटा है, जिसके चलते अधिकांश अफसरों को दो-दो प्रभार ( charge ) सौंप रखे हैं, जबकि मंगलवार को हुई डीपीसी में पी नरहरि और डॉ. नवनीत कोठारी ही पीएस के पद पर प्रमोट हो सकेंगे।
अतिरिक्त charge की जिम्मेदारी अब सचिवों को
करीब 18 अपर सचिव सचिव बन जाएंगे, लेकिन अतिरिक्त प्रभार ( charge ) के चलते कई विभागों की जिम्मेदारी अब सचिवों को दिए जाने की संभावना है। इनमें स्थाई अपर मुख्य सचिव (एसीएस), प्रमुख सचिव (पीएस) व विभाग के मुखिया नहीं है। अगले महीने एसीएस एसएन मिश्रा के सेवानिवृत्त होने पर गृह विभाग का पद खाली हो रहा है। जबकि मिश्रा के पास एसीएस परिवहन का भी अतिरिक्त प्रभार है। इसी तरह एसीएस ऊर्जा नीरत मंडलोई को एसीएस पीडब्ल्यूडी का प्रभार सौंप रखा है। वहीं, एसीएस उच्च शिक्षा अनुपम राजन को एसीएस संसदीय कार्य का प्रभार दिया गया है। एसीएस जल संसाधन एवं एनवीडीए उपाध्यक्ष डॉ. राजेश राजौरा को एसीएस लोक सेवा प्रबंधन का भी प्रभार दे रखा है।
कई अफसरों के पास 3-3 प्रभार
एसीएस ओबीसी अजीत केसरी को घुमंतू एवं अर्धघुमंतू जनजाति विभाग का प्रभार, एसीएस जीएडी संजय दुबे को विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का प्रभार दिया गया है। पीएस नगरीय विकास संजय कुमार शुक्ला को विमानन विभाग का प्रभार दिया गया है। पीएस खाद्य रश्मि अरुण शमी के पास पीएस महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रभार है, जबकि पीएस पर्यटन एवं संस्कृति शिवशेखर शुक्ला को पीएस धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। साथ ही मंडलोई को मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी का प्रभार, संजय शुक्ला को एमपी हाउसिंग बोर्ड और मनु श्रीवास्मव को एसीएस खेल एवं युवा कल्याण के अलावा एप्को का अतिरिक्त प्रभार दे रखा है। अविनाश लवानिया को अपर सचिव मुख्यमंत्री के पास एमडी एमपीआरडीसी का भी प्रभार है।