भोपाल: मध्य प्रदेश में वर्षों से अपने नियमितीकरण का इंतजार कर रहे हजारों संविदा वनकर्मियों को जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। राज्य सरकार वनरक्षक के पदों पर होने वाली सीधी भर्ती में इन कर्मचारियों को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की तैयारी में है। वन विभाग मुख्यालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है, जो अब मंत्रालय स्तर पर विचाराधीन है।
यह कदम संविदा कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो यह उन हजारों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी जो कई सालों से विभाग में स्थायी कर्मचारियों की तरह ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
वन मंत्री ने दिया आश्वासन
इस मामले पर राज्य के वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने सकारात्मक रुख दिखाया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार संविदा वनकर्मियों की मांगों को लेकर गंभीर है और इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। चौहान ने कहा, “यह मांग काफी समय से चल रही है। विभाग ने प्रस्ताव भेजा है और हम इस पर सकारात्मक रूप से विचार कर रहे हैं। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।” उनके इस बयान से संविदा कर्मचारियों में उम्मीद की एक नई लहर दौड़ गई है।
क्या है पूरा प्रस्ताव?
सूत्रों के अनुसार, वन विभाग के मुख्यालय (PHQ) ने यह प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत, भविष्य में होने वाली वनरक्षक (Forest Guard) की सीधी भर्तियों में 50 प्रतिशत पद संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य विभाग में लंबे समय से सेवा दे रहे अनुभवी कर्मचारियों को स्थायित्व प्रदान करना और उनके भविष्य को सुरक्षित करना है।
ये कर्मचारी स्थायी वनकर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जंगलों की सुरक्षा, वन्यजीवों की निगरानी और अवैध कटाई रोकने जैसे जोखिम भरे काम करते हैं। इसके बावजूद उन्हें स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं और नौकरी की सुरक्षा नहीं मिलती है।
कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार
विभागीय प्रक्रिया के तहत, यह प्रस्ताव अब मंत्रालय में है। वन मंत्री की सहमति के बाद इसे अंतिम निर्णय के लिए कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। कैबिनेट की मुहर लगते ही यह नियम प्रदेश में लागू हो जाएगा और भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन कर दिया जाएगा। सरकार के इस कदम से न केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि वन संरक्षण के काम में भी आने की उम्मीद है।