MP government पर 4 लाख करोड़ का कर्ज फिर भी लिमिट बढ़वाने की तैयारी

स्वतंत्र समय, भोपाल

मप्र सरकार ( MP government ) पर वर्तमान में 4 लाख करोड़ का कर्ज है और केंद्र द्वारा तय सीमा को बढ़ाने की तैयारी में राज्य सरकार लगी हुई है। जबकि इस साल अभी तक करीब 35 हजार करोड़ का लोन बाजार से उठाया जा चुका है। सरकार द्वारा 16वें वित्त आयोग के सामने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के अनुपात में चार प्रतिशत कर्ज लेने का अनुमति मांगी जाएगी। अभी प्रदेश को जीएसडीपी के अनुपात में तीन प्रतिशत कर्ज लेने की अनुमति है।

MP government 2024-25 में ले चुकी 35 हजार करोड़ का कर्ज

गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक सरकार ( MP government ) 35 हजार करोड़ रुपये कर्ज ले चुकी है। इस तरह प्रदेश पर चार लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज हो गया है। प्रदेश में अधोसंरचनात्मक कामों को गति देने के लिए पूंजीगत व्यय बढ़ाया जा रहा है। यह लगभग 60 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है। आगामी वित्तीय वर्ष में इसे बढ़ाकर 65 हजार करोड़ रुपए तक किया जाएगा। इसके लिए राज्य के बजट से राशि की पूर्ति संभव नहीं है, इसलिए अधिक कर्ज लेने की अनुमति मांगी जा रही है। पिछले वर्ष भी केंद्र सरकार से आग्रह किया गया था लेकिन अनुमति नहीं मिली।

सिंहस्थ के लिए अधिक कर्ज लेने की तैयारी

दरअसल, 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ होना है। सरकार उज्जैन और आसपास के जिलों में सडक़, पुल, पुलिया, फ्लायओवर सहित कई निर्माण के कार्य कर रही है। इस पर करीब 15 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जाएगी। वहीं, प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए भी अधोसंरचना विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

केंद्र सरकार के सहमति के बाद मिल सकेगा कर्ज

जो भी कर्ज भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से सरकार ले रही है, उसका उपयोग पूंजीगत कार्यों यानी अधोसंरचनात्मक विकास पर ही किया जा रहा है। यदि केंद्र सरकार प्रदेश की मांग पर सहमत हो जाती है तो अधिक राशि उपलब्ध हो जाएगी, जिससे विकास कार्यों को गति मिलेगी।