मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने और जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने घोषणा की है कि साल 2026 तक प्रदेश भर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के 56,000 खाली पदों पर भर्ती की जाएगी। यह भर्ती अभियान राज्य की महिला एवं बाल विकास व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस फैसले से न केवल हजारों महिलाओं को सरकारी नौकरी मिलेगी, बल्कि आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन में आ रही कर्मचारियों की कमी की समस्या भी दूर होगी। सरकार का लक्ष्य इस भर्ती प्रक्रिया को जल्द शुरू करना है ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी पद भरे जा सकें।
2026 तक 56,000 पदों को भरने का लक्ष्य
राज्य सरकार ने एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करते हुए कहा है कि अगले दो वर्षों में, यानी 2026 तक, आंगनवाड़ी के सभी रिक्त पदों को भर दिया जाएगा। यह भर्ती अभियान चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा सकता है। इस प्रक्रिया के लिए नोडल एजेंसी महिला एवं बाल विकास विभाग होगी, जो जल्द ही आधिकारिक अधिसूचना जारी कर सकता है।
यह भर्ती अभियान हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में सबसे बड़ी भर्तियों में से एक माना जा रहा है। इसका सीधा असर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर पड़ेगा।
क्या होगी भर्ती प्रक्रिया और योग्यता?
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत अधिसूचना विभाग की ओर से जारी की जाएगी। हालांकि, पिछले भर्ती पैटर्न के आधार पर कुछ संभावित योग्यताओं का अनुमान लगाया जा सकता है:
शैक्षणिक योग्यता: आमतौर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi Worker) के पद के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास होती है, जबकि सहायिका (Anganwadi Helper) के लिए 5वीं या 8वीं पास होना आवश्यक हो सकता है।
आयु सीमा: इन पदों के लिए आयु सीमा 18 से 45 वर्ष के बीच हो सकती है, जिसमें आरक्षित वर्गों को सरकारी नियमों के अनुसार छूट दी जाती है।
स्थानीय निवासी: आंगनवाड़ी भर्ती में अक्सर उसी ग्राम या वार्ड की स्थानीय महिला निवासियों को प्राथमिकता दी जाती है।
उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक विज्ञापन का इंतजार करें।
भर्ती का महत्व और इसका प्रभाव
आंगनवाड़ी केंद्र सरकार की एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना की रीढ़ हैं। ये केंद्र 6 साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पूरक पोषण, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और प्री-स्कूल शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करते हैं।
लंबे समय से खाली पड़े पदों के कारण इन सेवाओं के वितरण में बाधा आ रही थी। इन 56,000 पदों पर भर्ती होने से यह सुनिश्चित होगा कि सरकारी योजनाएं हर लाभार्थी तक बिना किसी रुकावट के पहुंचें। इसके अलावा, यह भर्ती स्थानीय स्तर पर महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी मदद करेगी।