MP सरकार का हवाई सफर: रोजाना ₹21 लाख खर्च! विधानसभा में पेश आंकड़ों से सियासत गरमाई

Bhopal News : मध्य प्रदेश सरकार का हवाई यात्रा पर होने वाला खर्च आसमान छू रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में किराए के विमान और हेलीकॉप्टरों पर प्रतिदिन औसतन 21 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

यह चौंकाने वाला खुलासा विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के सवालों पर सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों से हुआ है। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार की वित्तीय प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल और पंकज उपाध्याय ने सरकार से हवाई यात्रा पर हो रहे खर्च का ब्योरा मांगा था। इसके जवाब में जो आंकड़े पेश किए गए, वे बताते हैं कि पिछले कार्यकाल की तुलना में हवाई किराए के दैनिक औसत खर्च में 50% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

खर्च में 50% से ज्यादा की बढ़ोतरी

आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के बीच विमान और हेलीकॉप्टर किराए पर कुल 143 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसका औसत करीब 21 लाख रुपए प्रतिदिन बैठता है। इसके विपरीत, जनवरी 2021 से दिसंबर 2023 तक के तीन वर्षों में कुल 147 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जिसका दैनिक औसत लगभग 14 लाख रुपए था।

इस तरह, मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में हवाई किराए के खर्च में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार ने बताया कि 2023 में किराए की दरों में 20-30% की वृद्धि की गई थी। इसके लिए कोविड के बाद चार्टर्ड विमानों की बढ़ती मांग, ईंधन और रखरखाव की लागत में वृद्धि और लोकसभा चुनाव जैसी वजहों को जिम्मेदार ठहराया गया।

क्यों किराए पर निर्भर है सरकार?

सरकारी खजाने पर इस भारी बोझ का एक बड़ा कारण राज्य के अपने विमानों की कमी है। वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार के पास केवल एक ही हेलीकॉप्टर उड़ान भरने की स्थिति में है। राज्य का फिक्स्ड विंग विमान मई 2021 में एक दुर्घटना का शिकार हो गया था और तब से ग्वालियर एयरपोर्ट पर खड़ा है।

सरकार ने न तो उसकी मरम्मत कराई और न ही कोई नया विमान खरीदा है। इसी वजह से सरकार को निजी कंपनियों से महंगे दामों पर विमान किराए पर लेना पड़ रहा है।

विपक्ष ने उठाए सवाल

इन आंकड़ों को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष का कहना है कि अगर सरकार अपने विमानों के बेड़े को मजबूत करती या दुर्घटनाग्रस्त विमान की समय पर मरम्मत करा लेती तो करोड़ों रुपए बचाए जा सकते थे। कांग्रेस ने 2023 में किराया बढ़ाने के लिए कोविड का बहाना देने को भी हास्यास्पद बताया है।

“प्रदेश की आर्थिक स्थिति कर्ज पर निर्भर है। ऐसे में 5 लाख रुपए प्रति घंटे की दर से विमान किराए पर लेकर हर साल सैकड़ों करोड़ रुपए हवा में उड़ाए जा रहे हैं। यह राशि विकास कार्यों पर खर्च की जा सकती थी।” — विपक्षी दल कांग्रेस

सरकार द्वारा खुद विधानसभा में पेश किए गए इन आंकड़ों ने राज्य की वित्तीय प्रबंधन को लेकर एक नई बहस शुरू कर दी है, खासकर ऐसे समय में जब प्रदेश पर पहले से ही भारी कर्ज का बोझ है।