MP Growth Conclave: इंदौर में प्रदेश के शहरों के भविष्य पर मंथन, 1500 निवेशकों से रूबरू होंगे सीएम मोहन यादव

प्रदेश में रोजगार और निवेश को नई दिशा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में इंदौर में शुक्रवार, 11 जुलाई को ‘मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025 – सिटीज ऑफ टुमॉरो’ का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में इस मेगा इवेंट का शुभारंभ किया।

पांच प्रमुख क्षेत्रों में होगा निवेश का ब्लूप्रिंट

कॉन्क्लेव का मुख्य फोकस शहरी विकास को रोजगारोन्मुख और निवेश अनुकूल बनाना है। होटल, पर्यटन, रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट शहर जैसे पांच प्रमुख सेक्टरों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी। यह कार्यक्रम प्रदेश के शहरों के भविष्य के विकास का मार्गदर्शन करेगा।

देशभर से जुटे 1500 से अधिक निवेशक

इस कॉन्क्लेव में देशभर से 1500 से ज्यादा उद्योगपति, निवेशक और कॉर्पोरेट प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आयोजन स्थल पर लगी भव्य प्रदर्शनी का निरीक्षण किया, जिसमें स्मार्ट सिटी, हाउसिंग बोर्ड, मेट्रो, एलआईसी, आईडीए जैसी प्रमुख संस्थाओं की सहभागिता रही।

शहरी विकास पर होंगे चार तकनीकी सत्र

ग्रोथ कॉन्क्लेव के दौरान चार विशेष तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया है। इन सत्रों में शहरी अधोसंरचना, हरित एवं टिकाऊ विकास, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग पर विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से चर्चा की जा रही है। इसके माध्यम से प्रदेश के प्रमुख शहरों के विकास का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।

विकास परियोजनाओं के एमओयू पर हस्ताक्षर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर ‘MP लॉकर’ और ‘ET अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन समिट 2025’ का ब्रोशर लॉन्च किया। साथ ही शहरी विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के लिए निवेश समझौते (एमओयू) भी साइन किए गए। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया और शहरी योजनाओं पर आधारित शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

शहरी क्षेत्रों में निवेश के अनगिनत अवसर

प्रदेश सरकार की योजना मेट्रो रेल, ई-बस सेवा, मल्टीमॉडल हब, इलेक्ट्रिक वाहन, किफायती आवास, स्मार्ट सड़कें, और वाटरफ्रंट विकास जैसे क्षेत्रों में निजी निवेश को आकर्षित करने की है। अब तक 8.32 लाख से अधिक अफोर्डेबल हाउसिंग यूनिट्स बनकर तैयार हो चुकी हैं और 10 लाख से अधिक निर्माणाधीन हैं, जिनमें करीब 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है।

डिजिटल होते शहरी निकाय, तेज़ हुई प्रक्रिया

प्रदेश के नगरीय प्रशासन को आधुनिक और डिजिटल बनाया जा रहा है। भवन अनुमति, जल आपूर्ति, संपत्ति कर जैसे 23 प्रमुख सेवाएं अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से अनुमोदन प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति दोनों आई है।

17,000 से अधिक योजनाएं निर्माणाधीन

शहरी आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने के लिए मध्यप्रदेश में कुल 17,230 योजनाएं सक्रिय रूप से लागू की गई हैं। रियल एस्टेट क्षेत्र के कुशल मानव संसाधन, बेहतर सीवरेज सिस्टम, और डिजिटल सेवाओं की उपलब्धता के कारण प्रदेश तेजी से स्मार्ट और टिकाऊ शहरों की दिशा में आगे बढ़ रहा है।