प्रदेश का सबसे बड़ा iskcon temple कोलार में बनेगा

स्वतंत्र समय, भोपाल

राजधानी भोपाल के कोलार में 8 एकड़ भूमि पर प्रदेश के सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर ( iskcon temple ) की बुनियाद रविवार को रखी जाएगी। इस्कॉन भोपाल बीवायसी के अध्यक्ष रसानंद दास प्रभु ने बताया कि भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, विधायक रामेश्वर शर्मा, महापौर मालिनी राय और विधायक भगवानदास सबनानी समेत कई गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम की शुरुआत गो-पूजन और इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद की आरती से होगी। इस्कॉन के वैश्विक प्रमुख और गवर्निंग बॉडी कमिश्नर गुरुप्रसाद स्वामी महाराज इस कार्यक्रम में शामिल होने पहली बार मप्र आ रहे हैं। उनके साथ इस्कॉन मध्य प्रदेश के प्रभारी एवं जोनल सेक्रेटरी महामनदास प्रभु भी रहेंगे।

8 एकड़ में बनेगा iskcon temple

इस्कॉन मध्य प्रदेश के प्रभारी एवं जोनल सेक्रेटरी महामनदास प्रभुजी और इस्कॉन ( iskcon temple ) भोपाल बीवायसी के अध्यक्ष रसानंद दास प्रभु ने कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। भूमि को पवित्र करने के लिए रविवार सुबह 7:30 बजे हवन किया जाएगा। गुरुप्रसाद स्वामी महाराज और महामनदास प्रभुजी अनंत शेष की स्थापना करेंगे। रसानंद प्रभु के अनुसार, शास्त्रों में पृथ्वी माता को अनंत शेष के फन पर विराजमान माना गया है। हवन के लिए मायापुर-वृंदावन और जगन्नाथपुरी से पुरोहित बुलाए हैं। भूमिपूजन से पहले मंदिर के भक्त शहर के विभिन्न क्षेत्रों में हरिनाम संकीर्तन कर रहे हैं। वे हरे कृष्ण महामंत्र का कीर्तन कर और प्रसाद वितरण के साथ लोगों को आमंत्रण पत्र दे रहे हैं। इस्कॉन गर्ल फोरम (आईजीएफ) की सदस्य फूलों की रंगोली बनाएंगी। इसमें रंगोली के रंगों के अलावा तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूलों का उपयोग किया जाएगा। रंगोली में कृष्ण लीलाओं को दिखाया जाएगा। फूलों की रंगोली के लिए विभिन्न प्रकार के फूलों का ऑर्डर किया गया है।

मंदिर परिसर में रहेंगे गृहस्थ

ये भोपाल का सबसे बड़ा मंदिर बनने जा रहा है। ये एक भक्त कम्यूनिटी प्रोजेक्ट है। इस परिसर में कई गृहस्थ भक्त निवास करेंगे। भूमिपूजन के दौरान एक प्रेजेंटेशन भी दिया जाएगा। इसके अनुसार इस जमीन पर भव्य मंदिर, गोविंदाज रेस्टोरेंट, गुरुकुल, गोशाला और कम्युनिटी हॉल होगा। भूमिपूजन के अवसर पर मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर, विदिशा, सागर आदि शहरों में स्थित इस्कॉन मंदिर और सेंटरों से विभिन्न कीर्तन पार्टियां आएंगी और कार्यक्रम के दौरान यह मंडलियां अनवरत कीर्तन करेंगी।