सांसद के.पी यादव का सिंधिया पर बड़ा हमला |

कहा यदि महारानी लक्ष्मी बाई को कुछ लोग धोखा नहीं देते तो हम 75वीं नहीं, बल्कि 175वीं वर्षगांठ मना रहे होते।

यादव समाज प्रतिभा सम्मान समारोह में पहुंचे थे सांसद के पी यादव,बिना नाम लिए सांसद का सिंधिया राजवंश पर हमला विरोधियों दबाने की कोशिश ना करें – सांसद के.पी यादव

महेश सोनी/गुना- आज शहर के राज विलास होटल में यादव समाज द्वारा प्रतिभा सम्मान समारोह एवं सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया, इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद के पी यादव भी उपस्थित हुए। जहाँ उन्होंने सिंधिया राजवंश सहित विरोधियों पर जमकर तंज कसा। दरअसल संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों के दौरान एक बार नहीं कई बार शिला पट्टिका से सांसद के पी यादव का नाम नदारद रहने का मामला बड़ी चर्चाओं में रहा है।

बार-बार प्रोटोकॉल का उल्लंघन सोची समझी साजिश या कुछ और ?

बार-बार होने वाले प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर सांसद के पी यादव ने कहा कि एक बार नहीं दो बार नहीं कई बार प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है, यह मेरा नहीं बल्कि आम जनता का अपमान है।अब यह किसी की सोची समझी साजिश है या अधिकारियों की गलती है? फिलहाल यह जांच का विषय है। और जनता सब देख रही है वह इसका जवाब भी देगी।
कार्यक्रम के संबोधन में सांसद यादव नाम लिए बिना सिंधिया घराने पर हमलावर रहे।

किसी का नाम लिए बिना सांसद यादव ने कहा कि यदि महारानी लक्ष्मी बाई को कुछ लोग धोखा नहीं देते तो 75 वीं न नहीं, हम आजादी की 175 वीं वर्षगांठ मना रहे होते।

इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मुझे अन्य प्रदेशों में जाने का मौका भी मिलता है और जब लोग मुझसे मिलते हैं तो उनका भाव यही रहता है कि “वही यादव जी जिन्होंने दिग्गज नेता को हराया था )”
उन्होंने कहा कि यह असंभव कार्य को मैंने नहीं बल्कि क्षेत्र की जनता के आशीर्वाद का परिणाम है।

स्वाभिमान पर आंच आए तो टकराना जरूरी है

समाज जनों को संबोधित करते हुए सांसद यादव ने कहा कि हमने अपने इष्ट श्रीकृष्ण से यही सीखा है, कि दोस्ती करो तो ऐसी करो, कि चाहे खुद को कष्ट हो, मगर दोस्तों को कष्ट नहीं होना चाहिए। अगर किसी के साथ अन्याय हो रहा है, तो उसके साथ खड़े हो जाओ, चाहे विरोधी अपना ही क्यों ना हो। अन्याय के खिलाफ निश्चित ही लड़ना चाहिए।
हालांकि भाजपा में गुटबाजी एवं दो नेताओं के बीच आपसी दरार की बात को भाजपा के नेताओं द्वारा दरकिनार किया जाता रहा हो। मगर वस्तु हकीकत यही है कि आपसी गुटबाजी के चलते बार-बार प्रोटोकॉल के उल्लंघन जैसी बातें ऐ दिनों सामने आ रही हैं।