मध्य प्रदेश में पर्यटन को नई ऊंचाइयां देने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वाकांक्षी पहल की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर पर्यटन निगम ने ‘एमपी हेली टूरिज्म’ सेवा की शुरुआत की है, जिसके तहत पर्यटक अब हेलीकॉप्टर से भोपाल, पचमढ़ी और मढ़ई की यात्रा कर सकेंगे। यह सेवा न केवल पर्यटकों का समय बचाएगी, बल्कि उन्हें इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों का हवाई नजारा भी कराएगी।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास इको-सेंसिटिव जोन में पर्यटन गतिविधियों को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। सरकार का लक्ष्य इन नियमों का पालन करते हुए पर्यटन को बढ़ावा देना है।
क्या है ‘एमपी हेली टूरिज्म’ सेवा?
मध्य प्रदेश पर्यटन निगम द्वारा शुरू की गई इस सेवा के दो मुख्य हिस्से हैं। पहला, भोपाल में हेलीकॉप्टर जॉयराइड, जिसमें पर्यटक शहर और इसके आसपास के इलाकों का हवाई दृश्य देख सकेंगे। दूसरा, भोपाल से पचमढ़ी और मढ़ई के लिए इंटर-सिटी हेलीकॉप्टर सेवा। इस सेवा का मुख्य उद्देश्य इन लोकप्रिय लेकिन दूरस्थ पर्यटन स्थलों तक पहुंच को सुगम बनाना है।
पचमढ़ी, जिसे ‘सतपुड़ा की रानी’ भी कहा जाता है, और मढ़ई, जो सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का एक प्रमुख हिस्सा है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध हैं। सड़क मार्ग से इन जगहों तक पहुंचने में काफी समय लगता है, लेकिन हेलीकॉप्टर सेवा से यह यात्रा कुछ ही घंटों में पूरी हो जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और सरकार की रणनीति
गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के इको-सेंसिटिव जोन के भीतर किसी भी नए निर्माण या पर्यटन गतिविधि पर चिंता जताई थी। धर्मेंद्र लोधी नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में इन क्षेत्रों में अवैध पर्यटन गतिविधियों का मुद्दा उठाया गया था।
कोर्ट के निर्देशों के बाद, राज्य सरकार ने सावधानी बरतते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने के नए रास्ते तलाशे हैं। हेलीकॉप्टर सेवा को इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, क्योंकि यह जमीनी पारिस्थितिकी तंत्र को न्यूनतम रूप से प्रभावित करते हुए पर्यटकों को इन क्षेत्रों का अनुभव करने का अवसर प्रदान करती है। सरकार का दावा है कि यह सेवा सभी पर्यावरणीय नियमों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है।
पर्यटन को बढ़ावा देने की व्यापक योजना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में पर्यटन को अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तंभ बनाने पर जोर दिया है। उनका मानना है कि मध्य प्रदेश में धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। ‘एमपी हेली टूरिज्म’ सेवा इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल हाई-एंड पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्य की पर्यटन ब्रांडिंग को भी मजबूती मिलेगी।
इस सेवा के सफल होने पर इसे राज्य के अन्य पर्यटन स्थलों जैसे कान्हा, बांधवगढ़ और खजुराहो तक भी विस्तारित करने की योजना है। सरकार का मानना है कि बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटकों का अनुभव बेहतर होगा और वे राज्य में अधिक समय बिताने के लिए प्रोत्साहित होंगे।