मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के वेतन-भत्तों में जल्द ही बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार विधानसभा के आगामी बजट सत्र में इससे जुड़ा विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो विधायकों के मासिक वेतन में 60,000 रुपये की सीधी वृद्धि होगी।
जानकारी के अनुसार, इस बढ़ोतरी के बाद विधायकों का कुल वेतन-भत्ता 1.10 लाख रुपये से बढ़कर 1.70 लाख रुपये प्रति माह हो जाएगा। वहीं, मुख्यमंत्री का वेतन-भत्ता 2 लाख रुपये से बढ़कर 2.60 लाख रुपये प्रति माह हो जाएगा। यह वेतन वृद्धि लगभग आठ साल के अंतराल के बाद हो रही है। इससे पहले साल 2016 में वेतन-भत्तों में इजाफा किया गया था।
बजट सत्र में पेश होगा विधेयक
राज्य का विधायी कार्य विभाग इस वेतन वृद्धि विधेयक का मसौदा तैयार करने में जुटा है। इसे पहले कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 7 फरवरी से शुरू हो रहा है और उम्मीद है कि सरकार इसी सत्र में विधेयक को पारित करा लेगी।
किसका कितना बढ़ेगा वेतन?
प्रस्ताव के अनुसार, वेतन वृद्धि के बाद मुख्यमंत्री को हर महीने 2 लाख 60 हजार रुपये मिलेंगे। इसमें 60,000 रुपये मूल वेतन, 1,00,000 रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और 1,00,000 रुपये सत्कार भत्ता शामिल होगा। वर्तमान में उन्हें कुल 2 लाख रुपये मिलते हैं।
इसी तरह, विधायकों का कुल वेतन-भत्ता 1.10 लाख रुपये से बढ़कर 1.70 लाख रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव है। इस राशि में 40,000 रुपये मूल वेतन, 80,000 रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 15,000 रुपये स्टेशनरी व टेलीफोन भत्ता, 15,000 रुपये कंप्यूटर ऑपरेटर भत्ता और 10,000 रुपये चिकित्सा भत्ता शामिल होगा। इसके अतिरिक्त, सदन की बैठकों में भाग लेने पर विधायकों को 2,000 रुपये प्रतिदिन का भत्ता भी मिलता है।
मंत्रियों के वेतन और भत्तों में भी इसी अनुपात में वृद्धि की जाएगी। लंबे समय से विधायक अपने वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे, जिसे अब नई सरकार पूरा करने जा रही है।