मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला, किसानों को अब हॉर्स पावर के आधार पर मिलेंगे सोलर पंप, सभी 55 जिलों में खुलेंगी साइबर तहसीलें

भोपाल: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें किसानों, प्रशासन और कानून-व्यवस्था से जुड़े बड़े फैसले शामिल हैं। सरकार ने किसानों को राहत देते हुए सोलर पंप सब्सिडी के नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव को मंजूरी दी है।

अब तक राज्य में पीएम कुसुम योजना के तहत सभी किसानों को एक समान सब्सिडी मिलती थी, लेकिन अब यह उनके मौजूदा बिजली कनेक्शन के हॉर्स पावर (HP) के आधार पर तय होगी। इस फैसले का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनकी जरूरत के मुताबिक सही क्षमता का पंप मिले और योजना का दुरुपयोग रुके।

किसानों के लिए हॉर्स पावर आधारित सब्सिडी

कैबिनेट के सामने रखे गए प्रस्ताव के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान’ (पीएम कुसुम) योजना के तहत किसानों को सोलर पंप देने की प्रक्रिया बदली जाएगी। नई व्यवस्था में जिस किसान के पास जितने हॉर्स पावर का बिजली पंप कनेक्शन है, उसे उतनी ही क्षमता का सोलर पंप दिया जाएगा।

इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार 30-30 प्रतिशत की सब्सिडी देंगी, जबकि बाकी 40 प्रतिशत राशि किसान को वहन करनी होगी। सरकार का लक्ष्य इस योजना के तहत प्रदेश में 20,000 सोलर पंप स्थापित करना है। इस कदम से न केवल किसानों को बिजली बिल से राहत मिलेगी, बल्कि सिंचाई के लिए ऊर्जा का एक स्थायी स्रोत भी उपलब्ध होगा।

सभी 55 जिलों में स्थापित होंगी साइबर तहसीलें

प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए मोहन सरकार ने प्रदेश के सभी 55 जिलों में साइबर तहसीलें स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। वर्तमान में यह व्यवस्था केवल 12 जिलों में लागू है। साइबर तहसील के माध्यम से अविवादित नामांतरण और संपत्ति के रिकॉर्ड से जुड़े काम बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ऑनलाइन और तेजी से हो जाते हैं।

इस विस्तार से प्रदेशभर के लोगों को रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के लिए तहसीलों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरी हो सकेगी। यह ई-गवर्नेंस की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पुलिस विभाग होगा और मजबूत

कैबिनेट बैठक में कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए पुलिस विभाग में नए पदों के सृजन का भी प्रस्ताव रखा गया। इसके तहत स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की ग्वालियर और जबलपुर इकाइयों को मजबूत करने के लिए 46 नए पद बनाए जाएंगे। इसके अलावा, नवगठित निवाड़ी जिले में साइबर पुलिस थाने के सुचारू संचालन के लिए 18 नए पदों के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है। इन फैसलों से संगठित अपराध और साइबर क्राइम पर लगाम कसने में मदद मिलेगी।

कैबिनेट के अन्य प्रमुख प्रस्ताव

इन बड़े फैसलों के अलावा, कैबिनेट के एजेंडे में कई अन्य महत्वपूर्ण विषय भी शामिल थे:

  • सिंचाई परियोजना: सीधी जिले में ‘महान सिंचाई परियोजना’ के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया, जिससे क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा।
  • अनुकंपा नियुक्ति: शासकीय सेवा के दौरान लापता हुए कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने के नियमों में संशोधन पर भी विचार किया गया। मौजूदा नियम 7 साल बाद नियुक्ति की अनुमति देता है, जिसमें बदलाव संभव है।
  • सेवानिवृत्त IAS पर कार्रवाई: सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राकेश श्रीवास्तव के खिलाफ विभागीय जांच पर भी चर्चा हुई।

कुल मिलाकर, मोहन यादव सरकार की यह पहली कैबिनेट बैठक भविष्य की प्रशासनिक और विकासोन्मुखी नीतियों की दिशा तय करने वाली साबित हुई है।