मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अपना एक साल पूरा कर लिया है और अब दूसरे वर्ष में प्रवेश कर रही है। सरकार जहां इसे उपलब्धियों का वर्ष बता रही है, वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे विफलता का साल करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया और बयानों के जरिए सरकार को घेरा है।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से जो वादे किए थे, वे अब तक अधूरे हैं। उनका कहना है कि सरकार केवल इवेंट मैनेजमेंट और प्रचार में व्यस्त है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
जीतू पटवारी का तीखा हमला
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो जारी कर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना, किसानों को धान और गेहूं का समर्थन मूल्य और युवाओं को रोजगार देने जैसे मुद्दों पर सरकार पूरी तरह विफल रही है।
“मोहन सरकार का एक साल पूरी तरह निराशाजनक रहा है। लाड़ली बहनों को 3000 रुपये देने का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ। किसानों को 3100 रुपये धान और 2700 रुपये गेहूं का भाव नहीं मिला। युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं और प्रदेश कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है।” — जीतू पटवारी, पीसीसी चीफ
पटवारी ने यह भी कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है और महिला अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया।
उमंग सिंघार ने गिनाईं कमियां
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी सरकार के एक साल के कार्यकाल को जनता के साथ धोखा बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों की उपेक्षा की है और स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। सिंघार ने नर्सिंग घोटाले और महाकाल लोक में हुई अनियमितताओं का जिक्र करते हुए सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए।
सिंघार ने कहा कि सरकार ने कर्ज लेकर केवल विज्ञापन और होर्डिंग्स पर पैसा खर्च किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश का हर नागरिक आज कर्जदार है, लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है।
भाजपा का पलटवार
कांग्रेस के इन आरोपों पर भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वह केवल बेबुनियाद आरोप लगा रही है। भाजपा का दावा है कि मोहन यादव सरकार ने एक साल में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं और जनहितैषी योजनाओं को धरातल पर उतारा है।
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। इसके बाद डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया था। अब सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां भाजपा जश्न मना रही है, वहीं कांग्रेस इसे ‘काला दिवस’ के रूप में देख रही है। दोनों दलों के बीच यह सियासी घमासान आने वाले दिनों में और तेज होने के आसार हैं।