एमपी में नई Liquor दुकानें नहीं खुलेंगी, नए मिनी बार जरूर खुलेंगे

स्वतंत्र समय, भोपाल

प्रदेश में शराब ( Liquor ) की कोई भी नई दुकान तो नहीं खुलेगी लेकिन मिनी बार जरूर खोले जा सकेंगे। यहां केवल बीयर, वाइन और रेडी टू ड्रिंक मिलेंगे। शराब पिलाना प्रतिबंधित रहेगा। दस प्रतिशत से कम अल्कोहल वाले विदेशी पेय ही यहां दिए जा सकेंगे। इसके लिए लाइसेंस शुल्क बार से आधा रहेगा यानि बार का शुल्क 20 लाख है तो मिनी बार का 10 लाख रुपए शुल्क होगा। उधर,

पीओएस मशीनों से Liquor की बिक्री

आबकारी विभाग ने पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों से ही शराब ( Liquor ) की बिक्री के निर्देश दिए हैं। रेस्तरांं में ओपन एरिया में बिकने वाली शराब के लिए भी फ्लोर एरिया बढ़ाने की सहमति दी गई है। विभाग ने कमर्शियल आयोजनों के लिए भी व्यक्तियों की संख्या के आधार पर लाइसेंस फीस तय की है। एक अप्रैल से लागू होने वाली नई आबकारी नीति में शराब दुकानों के लिए लाइसेंस लेने वाले ठेकेदारों को बैंक गारंटी सिर्फ ई-बैंक गारंटी के रूप में ही मिलेगी। इसके माध्यम से ही शराब दुकानों का आवंटन किया जा सकेगा। ई-बैंक गारंटी की वैधता अवधि कम से कम 30 अप्रैल 2026 तक होगी। इसके लिए एफडी स्वीकार नहीं की जाएगी और पहले से जमा एफडी का नवीनीकरण भी नहीं किया जाएगा। जो ई-बैंक गारंटी दी जाएगी उसका कहीं और प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। नई आबकारी नीति जारी करते हए आबकारी विभाग ने कहा है कि ई-बैंक गारंटी को लेकर ठेकेदार से प्रमाणित दस्तावेज भी लिए जाएंगे कि ई-बैंक गारंटी पर पहला हक उस ठेके के लिए होगा जो ठेकेदार को मिलेगा। यह बैंक गारंटी सिर्फ साइबर ट्रेजरी के माध्यम से जमा ई चालान या स्वीकार्य बैंकों की ई-गारंटी के रूप में मंजूर की जाएगी। इनमें बीयर, वाइन और रेडी टू ड्रिंक मिलेंगे, बिना पीओएस शराब की बिक्री नहीं होगी।

पवित्र शहरों और गांवों के लिए बनाए नियम

आबकारी नीति में प्रदेश के पवित्र शहरों और गांवों की शराब दुकानों को बंद किए जाने के बाद सरकार ने उसकी भरपाई के लिए विकल्प तैयार किए हैं। इसमें कहा है कि अगर किसी शराब दुकान का वार्षिक मूल्य 500 करोड़ रुपए है और इनमें से बंद की जाने वाली शराब दुकानों का वर्ष 2024-25 का वार्षिक मूल्य 100 करोड़ रुपए है तो ऐसी स्थिति में शेष वार्षिक मूल्य 400 करोड़ रुपए की शराब दुकानों के रिजर्व मूल्य की गणना नए फॉर्मूले के आधार पर की जाएगी। फॉर्मूले में कहा है कि बंद की जाने वाली दुकान के वर्ष 2024-25 के कुल वार्षिक मूल्य का जिले की शेष शराब दुकानों के इसी वर्ष के कुल वार्षिक मूल्य का प्रतिशत निकाला जाएगा जो 25 प्रतिशत होगा।

कमर्शियल आयोजनों के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे

  • 500 व्यक्तियों के लिए 25 हजार लाइसेंस फीस होगी।
  • एक हजार व्यक्तियों के लिए 50 हजार रुपए लाइसेंस फीस होगी।
  • दो हजार व्यक्तियों के लिए 75 हजार रुपए लाइसेंस फीस होगी।
  • 5 हजार व्यक्तियों के लिए 1 लाख रुपए लाइसेंस फीस होगी।
  • पांच हजार से अधिक व्यक्तियों के लिए दो लाख रुपए लाइसेंस फीस होगी।

दुकानों को कहीं भी शिफ्ट नहीं किया जाएगा

नई आबकारी नीति में कहा है कि 13 नगरीय निकायों और 6 ग्राम पंचायतों में एक अप्रैल से शराब दुकानों का संचालन नहीं किया जाएगा। यहां किसी भी प्रकार के बार और वाइन आउटलेट के लाइसेंस एक अप्रैल 2025 से नहीं दिए जाएंगे। इनके संचालन की भी अनुमति नहीं होगी। यहां की दुकानों को कहीं शिफ्ट भी नहीं किया जाएगा। नीति में कहा है कि भौगोलिक एरिया के आधार पर अधिकतम चार शराब दुकानों को मिलाकर आवश्यकता के आधार पर एकल समूह बनाया जा सकेगा लेकिन इससे अधिक दुकानों के समूह के मामले में आबकारी आयुक्त ही फैसला करेंगे।