MP News : एमपी और राजस्थान वालों के लिए गुड न्यूज। एक रिपोर्ट के हवाले से ऐसा कहा जा रहा है कि एमपी में अगले साल तक एक नई रेल लाइन शुरू हो सकती है। मध्य प्रदेश में साल 2024 तक एक नई रेल लाइन शुरू हो सकती है। इस रेल लाइन का कार्य प्रारंभ हो चुका है। इसके शुरू होने से मध्यप्रदेश से राजस्थान सफर करने वाले लोगों का समय तो बचेगा ही, किराया भी कम होगा. भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन प्रदेश की राजधानी भोपाल, राजगढ़ में श्यामपुर, दोराहा, ब्यावरा, नरसिंहगढ़, कुरावर, मुबारकगंज, निशातपुरा होते हुए गुजरेगी।
रेल लाइन का काम शुरू करने के लिए रेलवे ने 514.40 करोड़ रुपये स्वीकृत किए है। पिछले साल सिर्फ एक लाख रुपये ही स्वीकृत किए गए थे। वहीं मदन महल स्टेशन में चल रहे रिडेवलपमेंट कार्य को रफ्तार देने के लिए 15 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। मध्यप्रदेश में चल रहीं रेल परियोजनाओं को रफ्तार देने और नई रेल लाइन बिछाने के साथ स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए इस बार केंद्रीय बजट में रेलवे के लिए लगभग 13 हजार 607 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। अकेले पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर, भोपाल और कोटा मंडल की परियोजनाओं को रफ्तार देने के लिए 8 हजार 874 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
वर्तमान में यदि ब्यावरा से लोगों को भोपाल जाना है तो बस का सहारा लेना पड़ता है, जिसमें उनको परेशानी का सामना करना पड़ता है. बस से करीब 3 से साढ़े तीन घंटे का वक्त लग जाता है. नई रेल लाइन शुरू होने के बाद यह समय घट कर 1.5 घंटे हो जाएगा. साथ ही यह रेल लाइन राजगढ़ से खिलचीपुर होते हुए भोजपुर, घाटोली, इकलेरा, जूना खेड़ा, झालरापाटन से रामगंजमंडी जाएगी और यही वजह है कि इस रेल लाइन से राजस्थान के लोगों को भी फायदा पहुंचेगा।
यह जानकारी पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सुधीर गुप्ता ने एक प्रेसवार्ता के दौरान दी थी। इस दौरान अपर महाप्रबंधक शोभन चौधुरी, प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक राजेश पाठक, प्रमुख मुख्य अभियंता एके पांडेय, वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी दीपा चावला, मंडल रेल प्रबंधक जबलपुर विवेक शील, मुख्य योजना, महाप्रबंधक के सचिव राहुल जयपुरियार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विश्वरंजन आदि मौजूद रहे।
डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय ने बताया कि यदि अभी राजगढ़ के लोगों को भोपाल जाना होता है तो उनके 180 से 190 रुपये खर्च हो जाते हैं। साथ ही ब्यावरा के यात्रियों का भोपाल आने पर लगभग 150 रुपये खर्च होते हैं। इस रेल लाइन के शुरू हो जाने के बाद यात्रियों का किराया महज 70 से 80 रुपये ही लगेगा।
पमरे को 8 हजार 874.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। इस राशि से जबलपुर, भोपाल और कोटा मंडल के स्टेशनों के विकास और अन्य कार्य होंगेा। पिछले वर्ष 2022-23 में 4 हजार 228 करोड़ मिले थे। इस बजट में नई रेल लाइनों के निर्माण और पुरानी रेल परियोजनाओं को रफ्तार देने लगभग 2 हजार 14 करोड़ रुपये दिए। इधर दूसरी और तीसरी रेल लाइन बिछाने के लिए 1 हजार 521.30 करोड़ मिले। वहीं रेल यातायात को सुगम बनाने और नई तकनीक का उपयोग करने व सिग्नल की संख्या बढ़ाने के लिए 114.71 करोड़ दिए। रोड सेफ्टी वर्क यानी लेवल क्रासिंग के लिए 18.74 करोड़ व आरयूबी व आरओबी बनाने 574.03 करोड़ रुपये मिले।
इस बार बजट में रेलवे के लिए पर्याप्त राशि आवंटित की गई है। इसमें सुविधा और संरक्षा पर रेलवे ने जोर दिया है। खासतौर पर पटरियों की मरम्मत के लिए 1 हजार 90 करोड़, ब्रिज और टनल वर्क ने 100 करोड़, सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन के काम के लिए 207 करोड़ मिले। इसके अलावा पमरे के जबलपुर, भोपाल और कोटा मंडल में यात्री सुविधा बढ़ाने के लिए 250.10 करोड़ रुपये दिए गए। वहीं विद्युतीकरण के लिए 106.07 करोड़ मिले। वहीं अन्य योजनाओं में 2 हजार 878.25 करोड़ रुपये दिए।
इनको मिली इतनी राशि
-इंदौर-जबलपुर नई लाइन (342 किमी) के लिए -514.40 करोड़
– कटनी-सिंगरौली (261 किमी) दोहरीकरण के लिए – 400 करोड़
– बीना-कटनी (279 किमी) तीसरी लाइन – 565 करोड़
– सतना-रीवा (50 किमी) – 55 करोड़
– कटनी ग्रेड सेपरेटर वायडक्ट (21.5 किमी) – 300 करोड़
– मदनमहल स्टेशन कोचिंग टर्मिनल एवं हाउुबाग स्टेशन कोचिंग काम्प्लेक्स -15 करोड़