MP News: छोटी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं 6 मार्च से होगी शुरू, देखें लेटेस्ट टाइम टेबल, पहली और दूसरी के छात्रों का मौखिक मूल्यांकन

MP News: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा तीसरी, चौथी, छठी और सातवीं के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षाएं 6 मार्च 2024 से आयोजित की जाएंगी। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी समय-सारिणी के अनुसार:

• कक्षा 3 और 4 की परीक्षाएं:
6 मार्च से 11 मार्च 2024 तक आयोजित होंगी।
• कक्षा 6 और 7 की परीक्षाएं:
6 मार्च से 12 मार्च 2024 तक चलेंगी।

परीक्षाएं निर्धारित समय और तारीखों के अनुसार आयोजित की जाएंगी। स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे विद्यार्थियों और अभिभावकों को समय पर सूचना दें और परीक्षा की तैयारी के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी समय-सारिणी के अनुसार, मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 3, 4, 6, और 7 की वार्षिक परीक्षाओं की समय अवधि ढाई घंटे होगी। परीक्षाएं दोपहर 2 बजे से शाम 4:30 बजे तक आयोजित की जाएंगी।

महत्वपूर्ण निर्देश

• 6 मार्च से 12 मार्च के बीच यदि किसी दिन स्थानीय अवकाश घोषित होता है, तो भी परीक्षाएं निर्धारित समय पर आयोजित की जाएंगी।
• विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों को इस संबंध में पहले से सूचित करें।
• परीक्षा केंद्रों पर समय पर व्यवस्थाओं का ध्यान रखना अनिवार्य होगा।

विद्यार्थियों को समय पर पहुंचने और परीक्षा की तैयारी में ध्यान देने के लिए निर्देशित किया गया है। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी। इन कक्षाओं का मूल्यांकन निम्नलिखित तरीकों से किया जाएगा:

1. अभ्यास पुस्तिका के माध्यम से आकलन:
• विद्यार्थियों की पढ़ाई की प्रगति और सीखने की क्षमता को उनकी अभ्यास पुस्तिकाओं के आधार पर जांचा जाएगा।
2. गतिविधि-आधारित मूल्यांकन:
• विद्यार्थियों की समझ और कौशल का परीक्षण विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से किया जाएगा।
3. मौखिक मूल्यांकन:
• मौखिक परीक्षाओं के माध्यम से हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषयों में उनकी सीखने की क्षमता का आकलन होगा।

इस प्रक्रिया का उद्देश्य विद्यार्थियों की रचनात्मकता और व्यवहारिक ज्ञान को प्रोत्साहित करना है, जिससे उनकी प्रारंभिक शिक्षा मजबूत हो सके। राज्य शिक्षा केंद्र ने सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वार्षिक परीक्षा के लिए आवेदन पत्र भरते समय विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से भाषा चयन के बारे में स्पष्ट रूप से चर्चा कर लें।

भाषा चयन के निर्देश

1. कक्षा 3 और 4 में अतिरिक्त भाषा वैकल्पिक है।
• विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार अतिरिक्त भाषा का चयन कर सकते हैं।
2. प्रथम और द्वितीय भाषा चयन का नियम:
• यदि विद्यार्थी प्रथम भाषा के रूप में हिंदी, उर्दू, या मराठी का चयन करते हैं, तो उनकी द्वितीय भाषा अनिवार्य रूप से अंग्रेजी होगी।
• यदि प्रथम भाषा के रूप में अंग्रेजी का चयन किया जाता है, तो उनकी द्वितीय भाषा अनिवार्य रूप से हिंदी होगी।

प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि वे विद्यार्थियों और अभिभावकों को इन नियमों की जानकारी दें और भाषा चयन के समय आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि आवेदन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की त्रुटि न हो। छठी और सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए भाषा चयन को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

भाषा चयन के नियम

1. प्रथम भाषा उर्दू या मराठी:
• यदि कोई विद्यार्थी प्रथम भाषा के रूप में उर्दू या मराठी चुनता है:
• द्वितीय भाषा: अंग्रेजी (अनिवार्य)।
• तृतीय भाषा: हिंदी (अनिवार्य)।
2. प्रथम भाषा अंग्रेजी:
• यदि कोई विद्यार्थी प्रथम भाषा के रूप में अंग्रेजी चुनता है:
• द्वितीय भाषा: हिंदी (अनिवार्य)।
• तृतीय भाषा: संस्कृत, उर्दू, या मराठी (किसी एक का चयन अनिवार्य)।

प्राचार्यों के लिए निर्देश

• आवेदन पत्र भरते समय विद्यार्थियों और अभिभावकों से इन विकल्पों पर चर्चा करना अनिवार्य है।
• यह सुनिश्चित करें कि विद्यार्थी और अभिभावक भाषा चयन को लेकर पूरी तरह से जागरूक हों।
• आवेदन में किसी भी प्रकार की त्रुटि को रोकने के लिए सही मार्गदर्शन प्रदान करें।

इस नियम का उद्देश्य विद्यार्थियों को भाषा कौशल में विविधता प्रदान करना और उनकी शिक्षा को समग्र रूप से सशक्त बनाना है।