MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दिसंबर में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले राज्य की केंद्रीय योजनाओं की छमाही समीक्षा करेंगे। इस समीक्षा में खासतौर पर भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के लक्ष्यों पर ध्यान दिया जाएगा। सभी विभागों से यह रिपोर्ट ली जाएगी कि केंद्र द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को कितना हासिल किया गया है। इस समीक्षा में संबंधित विभागों के मंत्री और अधिकारी शामिल होंगे, जो योजनाओं की प्रगति और चुनौतियों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
मध्य प्रदेश को वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्र सरकार से 44,891 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता का प्रविधान किया गया है। इसके अलावा, केंद्रीय करों के हिस्से के रूप में 95,753 करोड़ रुपये की राशि 14 किस्तों में दी जानी है, जिसमें से दीपावली से पहले 14,000 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। सरकार ने जुलाई 2024 में पूर्ण बजट पेश किया था, और सभी विभागों को लेखानुदान और पूर्ण बजट की राशि मिलाकर आवंटन किया जा चुका है। इस वित्तीय सहायता का उपयोग राज्य की विकास योजनाओं और परियोजनाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे आवंटित बजट का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करें ताकि निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जा सके। अब मुख्यमंत्री स्वयं इस बजट उपयोग की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारी भी प्रारंभ कर दी है। उपसचिव स्तर के अधिकारियों की बैठकें शुरू हो गई हैं, जिनमें प्रत्येक विभाग से उनकी योजनाओं में आवंटित बजट और उसके उपयोग का विवरण लिया जा रहा है। इसका उद्देश्य अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट तैयार करने में योजना और खर्च की स्थिति का स्पष्ट आकलन करना है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले मुख्यमंत्री सभी विभागों से पिछले छह माह का लेखा-जोखा लेंगे और आगामी माह की कार्ययोजना पर चर्चा करेंगे। इस समीक्षा में विशेष रूप से उन विभागों पर ध्यान दिया जाएगा जो आवंटित राशि का पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाए हैं। ऐसे विभागों से राशि समर्पित कराकर उन विभागों को दी जाएगी जिनकी योजनाओं और परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है। इसका उद्देश्य बजट का अधिकतम और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना और प्रदेश की विकास योजनाओं को गति देना है।
वित्त विभाग सभी विभागों का लेखा-जोखा तैयार कर रहा है, जिसमें आवंटित राशि के उपयोग की स्थिति के साथ-साथ यह भी देखा जाएगा कि किस विभाग ने केंद्र सरकार से बजट में प्रस्तावित राशि प्राप्त की है और आगे उसे प्राप्त करने की क्या योजना है। विभागीय समीक्षा के बाद लंबित परियोजनाओं के लिए आवश्यक केंद्रीय निधि को स्वीकृत कराने हेतु मंत्रियों और संबंधित अधिकारियों को दिल्ली भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य लंबित परियोजनाओं के लिए शीघ्रता से वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करना और विकास कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाना है।