MP News: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) आए दिन कर्मचारियों और अधियकारियों के साथ बैठक करते है और नए नए मुद्दों पर चर्चा करते रहते है। हाल ही में अब शिवराज ने भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों पर शिकंजा कसने के लिए एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में शिवराज ने कई पेंडिंग मामलों पर बात की है। जिसमें भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों के मामले शामिल है।
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज ने शासकीय अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति जारी करने के प्रकरणों पर विचार करने के लिए मंत्री परिषद की बैठक बुलाई है। सीएम शिवराज की ये बैठक मंगलवार दोपहर 1:15 बजे मंत्रालय में शुरू होगी। लोकायुक्त, EOW भ्रष्ट अफसरों के मुकदमा चलाने के मामले बड़ी संख्या में पेंडिंग है। वहीं वर्षों से पेंडिंग करप्ट अफसरों के मामलों में विभागीय स्वीकृति में देरी को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे।
आज की बैठक में बड़े फैसले लिए जा सकते है। संविदा कर्मचारियों के इस्तीफे पर 1 महीने का वेतन जमा करने की अनिवार्यता खत्म कर सकती सरकार. मध्यप्रदेश में संविदा पर कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों को इस्तीफा देने पर 1 महीने के नोटिस पीरियड में नौकरी और 1 महीने के वेतन जमा नहीं करना होगा। संविदा पर कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों को सरकार 1 महीने का वेतन जमा कराए बिना इस्तीफा स्वीकार कर लेगी। इसके अलावा मध्यप्रदेश सिविल सेवा पदों पर संविदा नियुक्ति नियम 2017 में संशोधन करेगी शिवराज सरकार।
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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों पर तत्परता से कार्यवाही की जाए। जहाँ प्रक्रिया पूर्ण हो गई है दोषियों के विरूद्ध सख्त कदम उठाए जाएँ। आगामी 15 जून तक यह कार्य पूरा किया जाए। राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस पर कायम है। भ्रष्ट आचारण को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। गत 15 मार्च से अब तक 75 प्रकरणों में 119 दोषी अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति दी गई है। अन्य प्रकरणों में भी शीघ्र कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज अभियोजन स्वीकृति के प्रकरणों की विभागवार समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं 15 जून के बाद विभागों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त करेंगे। यदि विभाग किसी प्रकरण में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही में विलम्ब करता है तो सबंधित अधिकारी के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाएगी।
जानकारी दी गई कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में सर्वाधिक 23 प्रकरणों में अभियोजन की स्वीकृति दी गई है। इसके अतिरिक्त राजस्व में 12, नगरीय विकास एवं आवास में 9, स्वास्थ्य में 8, गृह और कृषि विभाग में 6-6 और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में 4 प्रकरणों में मंजूरी दी गई है। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।