MP News: सरकारी योजनाओं में स्टांप शुल्क में छूट, 10 लाख के लोन पर बचेंगे इतने हजार रुपए

MP News: मध्य प्रदेश सरकार उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न ऋण योजनाओं में 10 लाख रुपये तक के कर्ज पर स्टांप ड्यूटी और एग्रीमेंट शुल्क में छूट देने की तैयारी है। इस पहल का उद्देश्य छोटे उद्यमियों और स्वरोजगार शुरू करने वालों को वित्तीय राहत प्रदान करना है, जिससे वे आसानी से अपना व्यवसाय स्थापित कर सकें। इससे राज्य में नए स्टार्टअप्स, लघु उद्योगों और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

मध्य प्रदेश में उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न ऋण योजनाओं में 10 लाख रुपये तक के कर्ज पर स्टांप ड्यूटी और एग्रीमेंट शुल्क में छूट देने की तैयारी की जा रही है। मुख्य सचिव अनुराग जैन के निर्देश पर पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग इसकी रूपरेखा तैयार कर रहा है। गौरतलब है कि स्टांप शुल्क बैंकों के माध्यम से राज्य सरकार के खजाने में पहुंचता है। इस पहल से छोटे उद्यमियों और स्वरोजगार शुरू करने वालों को वित्तीय राहत मिलेगी, जिससे राज्य में स्टार्टअप्स, लघु उद्योगों और स्वरोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।

मध्य प्रदेश में उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न ऋण योजनाओं में 10 लाख रुपये तक के कर्ज पर स्टांप ड्यूटी और एग्रीमेंट शुल्क में छूट देने की तैयारी की जा रही है। मुख्य सचिव अनुराग जैन के निर्देश पर पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग इसकी रूपरेखा तैयार कर रहा है। गौरतलब है कि स्टांप शुल्क बैंकों के माध्यम से राज्य सरकार के खजाने में पहुंचता है। उदाहरण के तौर पर, संपत्ति को बंधक बनाने पर ऋण लेने वाले को 0.25 प्रतिशत शुल्क देना होता है। इसी तरह, कुल चार प्रकार के शुल्क ऋण लेने वाले पर लागू होते हैं, जिन्हें मिलाकर यह लगभग एक प्रतिशत तक पहुंच जाता है। इस पहल से छोटे उद्यमियों और स्वरोजगार शुरू करने वालों को वित्तीय राहत मिलेगी, जिससे राज्य में स्टार्टअप्स, लघु उद्योगों और स्वरोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।

मध्य प्रदेश में उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न ऋण योजनाओं में 10 लाख रुपये तक के कर्ज पर स्टांप ड्यूटी और एग्रीमेंट शुल्क में छूट देने की तैयारी की जा रही है। मुख्य सचिव अनुराग जैन के निर्देश पर पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग इसकी रूपरेखा तैयार कर रहा है। गौरतलब है कि स्टांप शुल्क बैंकों के माध्यम से राज्य सरकार के खजाने में पहुंचता है। उदाहरण के तौर पर, संपत्ति को बंधक बनाने पर ऋण लेने वाले को 0.25 प्रतिशत शुल्क देना होता है। इसी तरह, कुल चार प्रकार के शुल्क ऋण लेने वाले पर लागू होते हैं, जिन्हें मिलाकर यह लगभग एक प्रतिशत तक पहुंच जाता है। यानी, यदि शुल्क में छूट मिलती है, तो 10 लाख रुपये के ऋण पर 10 हजार रुपये तक की बचत हो सकती है। विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि मुद्रा सहित अन्य शासकीय ऋण योजनाओं के अंतर्गत कर्ज लेने वाले अधिकतर बेरोजगार और छोटे उद्यमी होते हैं, इसलिए इसमें छूट मिलनी चाहिए। इस पहल से छोटे व्यवसायियों को वित्तीय राहत मिलेगी और राज्य में स्टार्टअप्स, लघु उद्योगों और स्वरोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।

मध्य प्रदेश में उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न ऋण योजनाओं में 10 लाख रुपये तक के कर्ज पर स्टांप ड्यूटी और एग्रीमेंट शुल्क में छूट देने की तैयारी की जा रही है। मुख्य सचिव अनुराग जैन के निर्देश पर पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग इसकी रूपरेखा तैयार कर रहा है। गौरतलब है कि स्टांप शुल्क बैंकों के माध्यम से राज्य सरकार के खजाने में पहुंचता है। उदाहरण के तौर पर, संपत्ति को बंधक बनाने पर ऋण लेने वाले को 0.25 प्रतिशत शुल्क देना होता है। इसी तरह, कुल चार प्रकार के शुल्क ऋण लेने वाले पर लागू होते हैं, जिन्हें मिलाकर यह लगभग एक प्रतिशत तक पहुंच जाता है। यानी, यदि शुल्क में छूट मिलती है, तो 10 लाख रुपये के ऋण पर 10 हजार रुपये तक की बचत हो सकती है। विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि मुद्रा सहित अन्य शासकीय ऋण योजनाओं के अंतर्गत कर्ज लेने वाले अधिकतर बेरोजगार और छोटे उद्यमी होते हैं, इसलिए इसमें छूट मिलनी चाहिए। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की पिछली बैठक में यह विषय समिति के अधिकारियों ने उठाया था, जिसके बाद मुख्य सचिव ने इस पर विचार करने के लिए कहा था। उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में इस तरह के शुल्क से पहले ही छूट दी जा रही है। इस पहल से छोटे व्यवसायियों को वित्तीय राहत मिलेगी और राज्य में स्टार्टअप्स, लघु उद्योगों और स्वरोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।