MP News : ऐसा करीब 19 वर्षों बाद होगा कि इस बार दो माह का श्रावण मास होने के कारण महाकाल की 10 सवारी निकाली जाएगी। अधिक मास की चार, सावन की चार और भादौ की दो सवारियां मिलाकर भक्त कुछ 10 सवारियों का आनंद ले सकेंगे। इस बार सावन का माह 4 जुलाई से प्रारंभ होकर 31 अगस्त तक चलेगा।
सावन (Sawan 2023) माह के प्रत्येक सोमवार और भादौ के पहले दो सोमवार को यहां भगवान महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दौरान भगवान महाकाल अपने भक्तों का हाल जानने के लिए नगर में निकलते हैं। आमतौर पर भगवान महाकाल की 6-7 सवारियां निकलती हैं, लेकिन इस बार सावन माह अधिक होने के कारण संख्या काफी बढ़ गई है। आगे जानिए भगवान महाकाल की सवारी से जुड़ी खास बातें…
Also Read – गोरापन बढ़ाने के लिए दही मिलाकर बनाएं ये फेस पैक, निखर जाएगी आपकी त्वचा
सिंधिया राजवंश में हुई थी सवारी निकालने की शुरूआत
उज्जैन के लोग भगवान महाकाल को अपना राजा मानते हैं। सवारी के दौरान जब भगवान महाकाल की पालकी नगर भ्रमण पर निकलती है, तो ऐसा माना जाता है कि भगवान अपने भक्तों का हाल-चाल जानने के लिए शहर भ्रमण कर रहे हैं। ये परंपरा अधिक पुरानी नहीं है। इसे सिंधिया राजवंश ने शुरू किया। रियासतकाल के दौरान उज्जैन पर सिंधियां राजवंश का प्रभाव था। उस समय सिंधिया परिवार के विद्वानों ने भगवान और भक्तों की दूरी कम करने के लिए ये परंपरा शुरू की, जिसने आज भव्य रूप ले लिया है। आज भी महाकाल की अंतिम सवारी में सिंधिया परिवार का कोई न कोई सदस्य बाबा महाकाल की आरती करने जरूर आता है।
इस दिन निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी
पहली सवारी – 10 जुलाई 2023
दूसरी सवारी – 17 जुलाई 2023
तीसरी सवारी – 24 जुलाई 2023
चौथी सवारी – 31 जुलाई 2023
पांचवी सवारी – 7 अगस्त 2023
छठी सवारी – 14 अगस्त 2023
सातवीं सवारी – 21 अगस्त 2023
आठवीं सवारी – 28 अगस्त 2023
नौवीं सवारी – 4 सितंबर 2023
अंतिम शाही सवारी – 11 सितंबर 2023