MP News: भोपाल में पहली बार शिव महापुराण कथा करेंगे प्रदीप मिश्रा,10 जून से शुरू होगा आयोजन, जानिए प्रशासन का प्लान

MP News: सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा का आयोजन मध्य प्रदेश की राजधानी में पहली बार पंडित प्रदीप कुमार मिश्रा की शिव महापुराण कथा होने जा रही है। 10 जून से 14 जून तक चलने वाली प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय कैलाश सारंग और उनकी पत्नी स्वर्गीय प्रसून सारंग की पुण्य स्मृति पर की जा रही है। जहां भी पं. प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण का आयोजन होता है वहां जनसमूह उमड़ पड़ता है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर कथा का आनंद लेते है। वहीं पंडित मिश्रा कथा के दौरान ही भक्तो को निवारण के उपाय भी बताते है। जिसमे संकटों को दूर करने और मनोकामना को पूरा करने के तरीके शामिल होते है। वहीं श्रद्धालु भी उनके द्वारा बताए गए उपायों को करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं।

भोपाल के करोंद क्षेत्र में होने वाली प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा में करीब 5 लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने की संभावना है। कथा दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। कथा स्थल के पास ही 200 एकड़ क्षेत्र में पार्किंग की व्यवस्था है। मेन रोड से 11 द्वार बनाए गए हैं। करोंद के एक शापिंग माल के पीछे 55 एकड़ जगह में कथा का आयोजन होगा। श्रद्धालुओं के बैठने के लिए 50 हजार वर्ग फीट में तीन वाटर प्रूफ डोम लगाए जा रहे हैं।

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पं. प्रदीप मिश्रा पहली बार भोपाल में कथा सुनाएंगे। कथा 10 जून से 14 जून तक चलेंगी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान रुद्राक्ष का वितरण नहीं किया जाएगा। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि, वह रुद्राक्ष के लिए रजिस्ट्रेशन कराएं, हमारी टीम घर पहुंचकर रुद्राक्ष बांटेगी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, सीहोर में आयोजित हुई कथा और रुद्राक्ष वितरण के दौरान फैली अव्यवस्थाओं से ही सबक लेते हुए यह निर्णय लिया गया है।

आपको बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा कथा के दौरान कैसे भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है, उसके तरीके भी बताते है। साथ ही बिल्वपत्र आदि के माध्यम से भक्तों को विभिन्न समस्याओं के निवारण के बारे में बताते हैं। कई बार कथा में पंडित मिश्रा ने कहा है कि सिर पर लितक लगाने व हाथ में जल का कलश लेकर मंदिर जाने में शर्म कैसी। लोगो का काम है हसना, लेकिन हमारा काम है भोले की भक्ति में मग्न हो जाना। हमें तो शिव की आराधना से मतलब है। वो सब देख रहा है।