MP News : मध्य प्रदेश के मुरैना में शिक्षक भर्ती में हुए बड़े फर्जीवाड़े को लेकर अब कार्यवाही होने लगी है। शिवराज सरकार सख्ती के पश्चात् स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश पर लोक शिक्षण संचनालय में सभी जिला शिक्षा अफसरों को एक आदेश जारी किया है। विभाग द्वारा इस सिलसिले में खत जारी किया गया है। इसमें उम्मीदवारों के लिए कुछ अनिवार्य निर्देश दिए गए हैं। इसे पूरा करने के पश्चात् ही अब उनकी नियुक्त मान्य होगी।
प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को लोक शिक्षण संचनालय ने पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि जितने दिव्यांग शिक्षकों की नियुक्ति हुई उन्हें मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होना होगा। मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता की पुष्टि करवाना होगा। यहां से 40% अधिक दिव्यांगता की पुष्टि के बाद हा नियुक्ति मान्य होगा। नहीं तो नौकरी जाएगी।
शिक्षक भर्ती में दिव्यांगजन कोटे में बड़ी लापरवाही आई थी। इसके बाद से ही लगातार कार्रवाई जारी है। जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा गया है कि 8 जुलाई तक मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट और पालन प्रतिवेदन दें। लापरवाही बरतने पर जिला शिक्षा अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी। लोक शिक्षण संचनालय ने अपने पत्र में कहा प्रारंभिक जांच में कई दिव्यांग शिक्षकों के प्रमाण पत्र मुरैना से जारी होना पाया गया।
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अपने पत्र में लोक शिक्षण संचनालय ने कहा प्रारंभिक जांच में कई दिव्यांग अध्यापकों के प्रमाण पत्र मुरैना से जारी होना पाया गया। बता दे कि मुरैना में 77 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि इन्होंने फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के के माध्यम से नौकरी हासिल की है। इनका जिला चिकित्सालय में कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। बता दें शिक्षक भर्ती घोटाले ने मध्य प्रदेश सरकार की समस्या भी बढ़ा दी है। इस बड़े घोटाले में चंबल संभाग पूरे राज्य में पहले स्थान पर है। यहां लगभग 450 उम्मीदवारों ने फर्जी विकलांगता पत्र के सहारे आरक्षित कोटे में नौकरी ली है।